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SBI ने अपने ग्राहकों के लिए जारी किया अलर्ट, डीपफेक वीडियो से लुटे जा रहे है पैसे, ये है बचाव का तरीका

SBI: सोशल मीडिया पर SBI ने पोस्ट करके कहा है की एसबीआई ने कहा है की झूठी डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर फ़ैल रही है। इन वीडियो में बैंक के उच्च अधिकारियों को दिखाया जा रहा है।
SBI ने अपने ग्राहकों के लिए जारी किया अलर्ट, डीपफेक वीडियो से लुटे जा रहे है पैसे, ये है बचाव का तरीका
Photo by:  Google

SBI: आज के ज़माने में लूटपाट के खतरे से ज्यादा अब सोशल मीडिया के हैकर्स से खतरा बढ़ता दिखाई दे रहा है।टेक्नोलॉजी ने हैकर्स को जुर्म करने के और भी बहुत सारे रास्ते दिखा दिए है। आम जनता की जिंदगी पर इस तकनीकी से हो रहा है जमकर खतरा,  वही आपको बता दे,  भारतीय स्टेट बैंक ने अपने ग्राहकों और आम जनता के लिए चेतावनी जारी की है।दरअसल सोशल मीडिया पर SBI ने पोस्ट करके कहा है की एसबीआई ने कहा है की झूठी डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर फ़ैल रही है।  इन वीडियो में बैंक के उच्च अधिकारियों को दिखाया जा रहा है।  ये वीडियो झूठे तरीके से कुछ निवेश योजनाए को बढ़ावा देने या समर्थन देने का दावा कर रही है।  जो पूरी तरफ से झूठी है।  SBI ने साफतौर पर कहा है की बैंक या उसके कोई भी अधिकारी ऐसी योजनाओं से जुड़े नहीं है।आइये जानते है इस खबर को विस्तार से ...

SBI ने लोगो से ख़ास अपील 

एसबीआई ने लोगो से खास अपील कर कहा है की धोखाधड़ी से बचे और इन वीडियो पर विश्वास बिल्कुल भी भरोसा न करे। इस पोस्ट में लिखा है की चेतावनी, सार्वजनिक चेतावनी , डीपफेक वीडियो से सतर्क रहे।  स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया अपने सभी ग्राहकों और आम जनता को सावधान करता है की उसके शीर्ष प्रबंधन के डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित किये जा रहे है।  वही जो कुछ निवेश योजनाओ को लॉच करने या फिर उनका समर्थन करने का दावा करते है।  

AI से बढ़ रहे है धोखाधड़ी के केस 

सोशल मीडिया पर तेजी से हो रही है वायरल वीडियो। इस वीडियो में बैंक के उच्च अधिकारियों को दिखाया जा रहा है।  ये वीडियो झूठे तरीके से कुछ निवेश योजनाओं को  बढ़ावा देने या समर्थन देने का दावा कर रही है।  डीपफेक वीडियो एक ऐसा वीडियो होता है जो एकदम वास्तविक दीखता है।  ऐस लगता है इस वीडियो में जो दिखा रहा है वो सच है।  लेकिन इन्हे AI और डीप लर्निंग तकनीकों से बदल दिया जाता है। इनमे किसी के चेहरे या आवाज को बदलकर ऐसा दिखाया जाता है।  जो की ऐसा असल में नहीं हुआ होता है।  या टेक्नोलॉजी गलत जानकारी फैलाने, धोखाधड़ी करने या किसी को धोखा देने के इस्तेमाल की जा सकती है।  

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