Stridhan Law: शादी के बाद अगर पत्नी के गहने और पैसे लिए तो हो सकती है आपको जेल, जाने क्या है स्त्रीधन कानून?
Stridhan Law: शादी को काफी नाजुक बंधन माना जाता है। विवाह एक ऐसा बंधन है जो दो लोगो के आपसी समझ से चलता है। अक्सर छोटी मोटी चीजों को नजरअंदाज करना पड़ता है या फिर हालात से थोड़ा समझौता करना होता है। लेकिन कई बार ऐसी परिस्तिथि आ जाती है की अलग होने तक की नौबत आ जाती है।ऐसे में अगर महिला शादी के जेवरात और मिले उपहार मांगती है तो कई बार ससुराल वाले मुकर जाते है।उन्हें लगता है की ये उपहार तो उनके रिश्तेदारों की तरफ से मिला है तो बहु का हक्क कैसे हो सकता है। आइये जाने सुप्रीम कोर्ट ने इस पर क्या फैसला सुनाया है
क्या है स्त्रीधन? (Stridhan Law)
अगर आप सुप्रीम कोर्ट की बात करे तो कानून की नजर में वे सभी स्त्रीधन है जो पत्नी को शादी से पहले या शादी के बाद उपहार के तौर पर मिलता है।जैसे की गहने, साड़ी और किसी अन्य तरह का उपहार।इसमें प्रॉपर्टी तक भी शामिल है। इस बात का कोई मतलब है नहीं है की वो उपहार ससुराल से मिला है या मायके से।
दहेज़ से कितना अलग है स्त्रीधन (Stridhan Law)
स्त्रीधन और दहेज़ दोनों अलग अलग चीजे है। आज के ज़माने में जहां दहेज़ लेना और देना दोनों ही मन है। वही स्त्रीधन को कानूनन लिया और दिया जाता है। ये स्नेहमय उपहार होता है। इसी वजह से इस पर महिला का हक्क होता है। इसको जबरन कोई और नहीं ले सकता है।
महिला के धन का इस्तेमाल (Stridhan Law)
स्त्रीधन पर महिला जैसे चाहे वैसे धन का इस्तेमाल कर सकती है। इसपर न उसको कोई रोक सकता है और न कोई जबरदस्ती कर सकता है। वही अगर पति किसी संकट में है ,तो पत्नी अपने मन से अपना धन अपने पति को दे सकती है। लेकिन पति को बदले में अपनी पत्नी की धनराशि वापस लौटना होगा।
स्त्रीधन का बेईमानी से दुरूपयोग (Stridhan Law)
ध्यान दें, जितनी भी चीजे पत्नी को मिली है उन चीजों पर उसका पूरा अधिकार होता है। इसके आलावा महिला अपनी स्त्रीधन अपने इच्छा अनुसार बेच सकती है या रख सकती है। इस पर उसको रोका टोका नहीं जाएगा।सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक अगर स्त्रीधन का कोई दुरूपयोग करता है तो वो एक अपराध है।