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दिल्ली सरकार ने तोड़ी टैंकर माफिया की कमर! 1,111 GPS लगे वॉटर टैंकर मैदान में उतारे, CM बोलीं- हंगामा खड़ा करना मकसद नहीं...

सीएम रेखा गुप्ता ने रविवार संत निरंकारी ग्राउंड, बुराड़ी से 1,111 नए पानी के टैंकरों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. यह टैंकर खास हैं क्योंकि ये जीपीएस सिस्टम से लैस हैं.

दिल्ली सरकार ने तोड़ी टैंकर माफिया की  कमर! 1,111 GPS लगे वॉटर टैंकर मैदान में उतारे,  CM बोलीं- हंगामा खड़ा करना मकसद नहीं...
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार ने गर्मी के मौसम में पानी के टैंकर के जरिए काली कमाई करने वालों की कमर तोड़ते हुए एक नई शुरुआत की है. सीएम रेखा गुप्ता ने रविवार संत निरंकारी ग्राउंड, बुराड़ी से 1,111 नए पानी के टैंकरों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. यह टैंकर खास हैं क्योंकि ये जीपीएस सिस्टम से लैस हैं, सरकार का दावा है कि इससे पानी की बर्बादी और चोरी पर रोक लगेगी। 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि अभी हमारी सरकार बने सिर्फ़ दो महीने हुए है, सरकार बनते ही हमने तय किया था कि राजधानी से टैंकर माफ़िया को खत्म करते हुए दिल्ली में पानी की क़िल्लत को दूर करना है, यह आयोजन दिल्ली के विकास और जल संकट के समाधान के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. मुख्यमंत्री ने कहा, "हमारा मकसद केवल हंगामा खड़ा करना नहीं, बल्कि दिल्ली की सूरत बदलना है. नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में दिल्ली के सांसद, विधायक, पार्षद और अधिकारी एकजुट होकर विकास के लिए काम कर रहे हैं."

सीएम रेखा गुप्ता ने कहा पिछले 27 सालों के 'दुख के वनवास' को समाप्त करने का संकल्प दोहराया। गुप्ता ने बताया कि सरकार के गठन के 60 दिनों में ही टैंकर माफिया को खत्म करने का निर्णय लिया गया. इसके लिए प्रत्येक टैंकर में जीपीएस सिस्टम और कमांड सेंटर की व्यवस्था की गई है, ताकि पानी की आपूर्ति की निगरानी हो सके. उन्होंने कहा, "हर टैंकर की निगरानी जनता स्वयं करेगी। हमारी सरकार पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ काम कर रही है. न पानी की लीकेज होगी, न भ्रष्टाचार की." मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि टैंकर अस्थायी समाधान हैं. सरकार का मुख्य लक्ष्य योजनाबद्ध तरीके से टाउन प्लानिंग के तहत हर घर तक नल से जल पहुंचाना है. इसके लिए जल विभाग के लिए 9,000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जिसमें 150 करोड़ रुपये स्मार्ट मीटर और स्काडा सिस्टम के लिए आवंटित किए गए हैं. इसके अलावा, दिल्ली की सूख चुकी जल संरचनाओं को पुनर्जनन, पाइपलाइन बिछाने, नालों की री-मॉडलिंग और डी-सिल्टिंग जैसे कार्यों के लिए भी फंड आवंटित किए गए हैं.

CM गुप्ता ने कहा, "फंड की कमी से कोई भी काम रुकेगा नहीं। हम डिजिटल दिल्ली के सपने को हर विभाग में लागू करेंगे.।"कार्यक्रम में मौजूद सांसदों, मंत्रियों और अधिकारियों ने एकजुटता का परिचय देते हुए दिल्ली के विकास के लिए मिलकर काम करने का वादा किया. मुख्यमंत्री ने पुरानी सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले सांसद और स्थानीय प्रतिनिधियों के बीच तालमेल की कमी थी, जिसके कारण श्रेय लेने की होड़ रहती थी लेकिन अब सभी एक टीम के रूप में काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल दिल्लीवासियों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है. जीपीएस युक्त टैंकरों और पारदर्शी व्यवस्था के साथ सरकार जल संकट को खत्म करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है.

बताते चले कि पानी के टैंकरों पर सही निगरानी रखने के लिए बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड में एक नया कमांड सेंटर बनाया गया है. यहां से टैंकरों की हर गतिविधि को रियल टाइम यानी तुरंत देखा जा सकेगा. दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक, यह हाईटेक सिस्टम टैंकर की मूवमेंट, स्पीड और पानी की डिलीवरी के समय पर नजर रखेगा. इससे यह सुनिश्चित होगा कि हर टैंकर समय पर और सही जगह पर पानी पहुंचाए.यह पूरी पहल दिल्ली में जल सप्लाई सिस्टम को आधुनिक बनाने की एक बड़ी योजना का हिस्सा है. इस योजना का मकसद सिर्फ पानी की सप्लाई सुधारना नहीं, बल्कि पानी की चोरी, गलत इस्तेमाल और शहर में पानी के असमान बंटवारे को रोकना भी है.

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