प्रदूषण की रफ़्तार थामने के लिए सरकार ने चलाई योजना, हवा को किया जा रहा है एकदम शुद्ध
Delhi Pollution: दिल्ली की हवा में सास लेना बेहद ही जोखिम साबित होता जा रहा है। दिल्ली में हवा की क्वालिटी का स्तर बद से बहत्तर बनते जा रहे है। एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी वायु गुडवत्ता सूचकांक दिल्ली एनसीआर के कई इलाकों में 500 पार कर गया है। जो की खतरे के लेवल से भी काफी ऊपर है। इसी वजह से दिल्ली में रहने वाले लोगो को घरो में रहने की हिदायत दी जा रही है। क्योकि इस ख़राब हवा में सास लेना सामान व्यक्ति के लिए 50 सिगरेट पीने के बराबर है। दिल्ली में हवा के गिरते स्तर को ठीक करने के लिए भारत सरकार क्या कर रही है। आइये जानते है इस खबर को विस्तार से
दिल्ली की हवा साफ़ करने के लिए सरकार की क्या है प्लैनिंग
दिल्ली में इस समय सास लेना अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करना जैसा हो गया है। दिल्ली में हवा की क्वालिटी दिन - ब - दिन ख़राब होती जा रही है। अब ऐसे में लोगो का सरकार से सवाल से की वह हवा को शुद्ध करने के लिए क्या प्रयास कर रही है। तो आपको बता दे , फिलहाल दिल्ली में जो सिथि बनी हुई है आसमान अपर स्मोग का बदल छाया हुआ है। उसे हटाने के लिए दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से आर्टिफीसियल रेन करवाने की अनुमति मांगी। आर्टिफीसियल रेन यानी कृतिम बारिश से स्मोग तो हट सकता है। लेकिन यह तभी संभव है जब आसमान में बदल मौजूद हो और फिलहाल दिल्ली का मौसम साफ़ है। तो यह मुमकिन नहीं लग रहा है।
सरकार उठा रही है ये कदम
वही इसके आलावा अगर बात करे तो केंद्र सरकार पहले से ही एयर पोल्लुशन को कंट्रोल करने के लिए कई सारे कदम उठा रही है। केंद्र सरकार ने एयर पोल्लुशन को कंट्रोल करने के लिए नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम शुरू किया था। जिसमे 102 शहरो को शामिल किया था। जिसमे दिल्ली का भी नाम भी था।दिल्ली में पोल्लुशन को रोकने के लिए सरकार ने समीर एमपी लांच की है जो एयर पोल्लुशन करने वाली किसी भी गतिविधि करने के लिए शिकयत करने के लिए है।
लगाए गए एयर क्वालिटी मोंटियरिंग सिस्टम
सरकार की और से दिल्ली - एनसीआर में 37 से भी ज्यादा एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन बनाये गए है। इन स्टेशन पर सरकार को रियाल टाइम प्रदूषण के लेवल को ट्रैक करने की सुविधा है। जिसके इस्तेमाल से प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर तुरंत जरुरी कदम उठाने में मदद मिलती है।
सीएनजी इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा दिया
दिल्ली में हवा का स्तर ख़राब न हो इसलिए डीजल पेट्रोल की गाड़ियों को लगातार कम किया जा रहा है। सरकार की और से सीएनजी गैस पर चलने वाली गाड़ियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। तो उसके साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री पर भी जोर दिया जा रहा है। वही पब्लिक ट्रांसपोर्ट में भी अब ज्यादातर वहा इलेक्ट्रिक या फिर सीएनजी बेस्ट ही है।