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केंद्रीय कैबिनेट ने 85 नए केंद्रीय विद्यालय, 28 नवोदय विद्यालय को दी मंजूरी, दिल्ली-हरियाणा कनेक्टिविटी पर भी हुआ बड़ा फैसला

भारत सरकार ने 6 दिसंबर 2024 को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया, जिसमें 85 नए केंद्रीय विद्यालयों और 28 नवोदय विद्यालयों की स्थापना को मंजूरी दी गई। इस कदम से 82,000 से अधिक छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिलेगी। इसके अलावा, दिल्ली मेट्रो के रिथाला-कोंडली कॉरिडोर को भी स्वीकृति दी गई, जो दिल्ली और हरियाणा के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा।
केंद्रीय कैबिनेट ने 85 नए केंद्रीय विद्यालय, 28 नवोदय विद्यालय को दी मंजूरी, दिल्ली-हरियाणा कनेक्टिविटी पर भी हुआ बड़ा फैसला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आज भारत की शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए कई अहम फैसले लिए गए। इन निर्णयों में सबसे महत्वपूर्ण थे 85 नई केंद्रीय विद्यालयों और 28 नई नवोदय विद्यालयों की स्थापना की स्वीकृति, साथ ही एक केंद्रीय विद्यालय के विस्तार को भी मंजूरी दी गई। इन स्कूलों के खुलने से देशभर में 82,000 से अधिक छात्रों को सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, दिल्ली मेट्रो के एक और बड़े विस्तार को मंजूरी मिली, जो दिल्ली और हरियाणा के बीच बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम
केंद्रीय शिक्षा मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि इस योजना के तहत 85 नए केंद्रीय विद्यालयों और 28 नवोदय विद्यालयों को खोला जाएगा। इन विद्यालयों की स्थापना का उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता को हर कोने तक पहुंचाना है। इसके साथ ही, एक मौजूदा केंद्रीय विद्यालय का भी विस्तार किया जाएगा। इस परियोजना के लिए कुल अनुमानित खर्च ₹5,872.08 करोड़ है, जो 2025-26 से लेकर आठ वर्षों तक वितरित किया जाएगा। सरकार का मानना है कि इस निवेश से हर भारतीय बच्चे को बेहतरीन शिक्षा मिल सकेगी। खासकर उन क्षेत्रों में जहां शिक्षा की सुविधाएं सीमित हैं।

देश में अब तक 1,256 केंद्रीय विद्यालय कार्यरत हैं, जिनमें से तीन विद्यालय विदेशों में भी हैं - मॉस्को, काठमांडू, और तेहरान। इन विद्यालयों में कुल 13.56 लाख छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। नए विद्यालयों के खुलने से विद्यार्थियों को बेहतर अवसर मिलेंगे और शिक्षा में एक नई क्रांति आएगी। इस निर्णय से न केवल केंद्र सरकार की शिक्षा नीति को मजबूती मिलेगी, बल्कि विद्यार्थियों और उनके परिवारों के लिए भी यह एक बड़ा अवसर होगा। शिक्षा का अधिकार सबको मिलना चाहिए, और ये नए विद्यालय इस दिशा में एक ठोस कदम साबित होंगे।
दिल्ली-हरियाणा कनेक्टिविटी में नया आयाम
केंद्रीय कैबिनेट ने एक और महत्वपूर्ण फैसले में दिल्ली मेट्रो के फेज-4 के तहत रिथाला-कोंडली कॉरिडोर को मंजूरी दी। इस 26.463 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर का उद्देश्य दिल्ली और हरियाणा के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करना है। इस कॉरिडोर में 21 स्टेशन होंगे, जो सभी ऊंचे (एलीवेटेड) होंगे। शहीद स्थल (नई बस अड्डा)-रिथाला (रेड लाइन) कॉरिडोर के विस्तार के रूप में इस लाइन का निर्माण किया जाएगा, जो दिल्ली के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों जैसे नरेला, बावाना, और रोहिणी के क्षेत्रों को सीधे दिल्ली मेट्रो से जोड़ने का काम करेगा। यह कॉरिडोर दिल्ली में ट्रैफिक की समस्या को कम करने और यात्रा के समय को घटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

इस परियोजना की कुल लागत ₹6,230 करोड़ है और यह चार साल में पूरी होने की उम्मीद है। इस कॉरिडोर के निर्माण से हरियाणा और दिल्ली के बीच यातायात बहुत सुविधाजनक हो जाएगा और रोजाना यात्रा करने वाले लोगों को इससे बड़ा फायदा होगा। यह परियोजना दिल्ली मेट्रो के नेटवर्क को और भी मजबूत बनाएगी, जो पहले ही दुनिया के सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्क में से एक बन चुका है।
इन दोनों फैसलों से यह साफ है कि भारत सरकार शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में बड़ी योजनाओं पर काम कर रही है। केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों के विस्तार से जहां शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी, वहीं दिल्ली मेट्रो के रिथाला-कोंडली कॉरिडोर से शहरवासियों को बेहतर और तेज़ यातायात सुविधा मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बैठक के बाद कहा कि ये दोनों परियोजनाएं भारत के विकास और शिक्षा सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। सरकार का उद्देश्य हर भारतीय बच्चे को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा देना है, ताकि वह समाज में अपनी पहचान बना सके। साथ ही, दिल्ली मेट्रो के विस्तार से राजधानी और उसके आस-पास के क्षेत्रों में यातायात की समस्या का समाधान होगा।

इन फैसलों से यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले वर्षों में भारत में शिक्षा और इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में और भी बदलाव देखने को मिलेंगे। केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों के नए भवनों का निर्माण, शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए नए पाठ्यक्रमों का लागू होना, और मेट्रो नेटवर्क के और भी विस्तार से दिल्ली के निवासियों को एक नई सुविधा मिलेगी। सरकार ने इस योजना के तहत प्रधानमंत्री शिक्षा योजना को भी जारी रखा है, जिसमें छोटे-छोटे स्कूलों और शिक्षा केंद्रों को भी ध्यान में रखते हुए विकास की प्रक्रिया तेज़ की जाएगी।
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