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पहले indore की सड़को पर अश्लील कपड़े पहनकर बनाई रील, अब वीडियो बनाकर मांगी माफी

इंदौर, मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा और साफ़ शहर, हाल ही में एक घटना को लेकर चर्चा में है। शहर के एक पब्लिक प्लेस में एक लड़की ने अश्लील कपड़े पहनकर रील बनाई, जिसे सो वीडियो में लड़की को बाजार के बीचो-बीच ऐसे कपड़ों में देखा जा सकता है जो कई लोगों को असहज कर रहा है। इस घटना का वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो गया शल मीडिया पर पोस्ट किया गया।
पहले indore की सड़को पर अश्लील कपड़े पहनकर बनाई रील, अब वीडियो बनाकर मांगी माफी
इंदौर, जो अपनी सांस्कृतिक धरोहर और स्वच्छता के लिए जाना जाता है, इन दिनों एक वायरल वीडियो के कारण चर्चा में है। शहर की प्रसिद्ध 56 दुकान और मेघदूत चौपाटी पर एक लड़की द्वारा अश्लील कपड़े पहनकर वीडियो शूट करने की घटना ने शहरवासियों के बीच बहस छेड़ दी है। इस घटना ने जहां एक ओर सोशल मीडिया पर आग फैलाई है, तो वहीं दूसरी ओर इंदौर के सामाजिक संगठनों और राजनीतिक हस्तियों ने इसकी कड़ी आलोचना की है। लड़की ने इस विवादित वीडियो के लिए माफी भी मांगी है, लेकिन मामला यहीं नहीं थमा।
क्या है पूरा मामला?
सोमवार को इंदौर की 56 दुकान, जो शहर का एक प्रमुख बाज़ार और टूरिस्ट अट्रैक्शन है, वहां एक लड़की ने अश्लील कपड़े पहनकर रील बनाई और उसे अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपलोड कर दिया। वीडियो में लड़की को बाजार के बीचो-बीच ऐसे कपड़ों में देखा जा सकता है जो कई लोगों को असहज कर रहा है। इस घटना का वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो गया और सोशल मीडिया पर इसे लेकर चर्चा छिड़ गई। इस वीडियो के वायरल होने के बाद इंदौर के कई सामाजिक संगठनों ने इसका विरोध जताया। मंगलवार को संगठनों ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई और इसे शहर की मर्यादा के खिलाफ बताया।

इंदौर के सामाजिक संगठनों ने इस घटना को शहर की मर्यादा और सांस्कृतिक धरोहर पर चोट माना है। उनका कहना है कि इंदौर, जो कि मां अहिल्या बाई का शहर है, यहां इस तरह की हरकतें शहर की छवि को खराब करती हैं। शहर के लोगों ने इसे भारतीय संस्कृति और परंपराओं के खिलाफ बताया है, और यह मांग की है कि इस तरह की गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। महिला संगठनों ने भी इस मुद्दे पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर मर्यादा का पालन करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। इंदौर जैसे सांस्कृतिक शहर में इस तरह की घटनाएं समाज के लिए अच्छा संदेश नहीं देती हैं।

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की प्रतिक्रिया

इंदौर के चर्चित राजनेता और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी इस मामले पर अपनी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा, "इंदौर एक पुराना और सांस्कृतिक शहर है, जहां इस तरह की अभद्रता करना बिल्कुल उचित नहीं है। देश में लोकतंत्र है, हर किसी को अपनी आजादी है, लेकिन इस आजादी का यह मतलब नहीं है कि आप सार्वजनिक स्थलों पर कुछ भी करेंगे।" विजयवर्गीय का कहना है कि इंदौर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान के चलते इस तरह की घटनाएं शहर की गरिमा को चोट पहुंचाती हैं। उन्होंने प्रशासन से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है।

हालांकि इस घटना के बाद बढ़ते विरोध और विवाद को देखते हुए लड़की ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर माफी मांगी। उसने यह कबूल किया कि उसकी हरकत से कई लोग आहत हुए हैं और उसने वादा किया कि वह आगे से इस तरह की गलती नहीं करेगी। लड़की ने कहा कि उसका मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था, इसके अलावा लड़की ने आत्महत्या करने तक की बात कही है। 
इंदौर पुलिस भी इस मामले में सक्रिय हो गई है। पुलिस के अनुसार, इस तरह की घटनाएं जो सार्वजनिक स्थानों पर अश्लीलता फैलाती हैं, उनके खिलाफ कानून में सख्त प्रावधान हैं। अगर जांच में लड़की दोषी पाई जाती है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

यह घटना न केवल एक कानूनी मुद्दा है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा करती है कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सार्वजनिक मर्यादा के बीच सीमाएं कहां खींची जानी चाहिए। सोशल मीडिया का बढ़ता प्रभाव, खासकर इंस्टाग्राम रील्स और टिकटॉक जैसे प्लेटफार्मों पर, युवाओं को अपनी पहचान और व्यक्तिगत स्वतंत्रता व्यक्त करने के नए तरीके दे रहा है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता सार्वजनिक स्थानों पर मर्यादा का उल्लंघन कर सकती है? कुछ लोगों का मानना है कि हर व्यक्ति को अपनी मर्जी के कपड़े पहनने और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का अधिकार है। लेकिन सार्वजनिक स्थल, जहां समाज के सभी वर्गों के लोग होते हैं, वहां पर एक सामान्य मर्यादा का पालन करना भी ज़रूरी होता है। 

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