4B movement: ट्रम्प की जीत के बाद अमेरिका में बढ़ रहा है 4बी आंदोलन, महिलाओं में क्यों बढ़ रहा है 'नो सेक्स, नो डेटिंग, नो मैरिज, नो चिल्ड्रन' का ट्रेंड?
4B movement: डोनाल्ड ट्रम्प की 2024 अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद अमेरिका में एक नया आंदोलन चर्चा का विषय बन गया है—4बी आंदोलन। इस आंदोलन की शुरुआत दक्षिण कोरिया में हुई थी और अब अमेरिकी महिलाओं के बीच तेजी से फैल रही है।
4B movement: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत ने न केवल राजनीति में ध्रुवीकरण किया बल्कि एक नए सामाजिक आंदोलन को भी बढ़ावा दिया है। यह आंदोलन, जो कि '4बी मूवमेंट' के नाम से जाना जाता है, विशेष रूप से युवतियों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। यह आंदोलन मूल रूप से दक्षिण कोरिया में शुरू हुआ था, जिसका उद्देश्य महिलाओं को पारंपरिक सामाजिक जिम्मेदारियों से मुक्त करना था। इस आंदोलन के चार स्तंभ हैं: 'नो डेटिंग, नो सेक्स, नो मैरिज, और नो चिल्ड्रन'। इस आंदोलन का तेजी से फैलाव अमेरिकी समाज में एक नई बहस को जन्म दे रहा है। तो आखिर क्या है यह 4बी आंदोलन और ट्रम्प की जीत के बाद क्यों इसमें रुचि बढ़ रही है? आइए, इसे समझने की कोशिश करते हैं।
क्या है 4बी आंदोलन?
4बी आंदोलन, दक्षिण कोरिया में 2018 में शुरू हुआ था, जहाँ इसे एक प्रगतिशील और क्रांतिकारी कदम के रूप में देखा गया। आंदोलन का नाम '4B' यानी 'चार न' पर आधारित है। नो डेटिंग (Biyeonae), नो सेक्स (Bisekseu), नो मैरिज (Bihon), नो चिल्ड्रन (Bichulsan)। इस आंदोलन की उत्पत्ति तब हुई जब दक्षिण कोरिया में महिलाओं ने महसूस किया कि समाज में उन्हें हमेशा दूसरे दर्जे का नागरिक माना जा रहा है। वहाँ महिलाओं को पितृसत्ता से लड़ने का एक माध्यम मिला, जिसमें वे अपनी स्वतंत्रता का समर्थन करती हैं और जीवन में पुरुषों पर निर्भरता को समाप्त करती हैं।
अमेरिका में 4बी आंदोलन का विस्तार
डोनाल्ड ट्रम्प की 2024 की चुनावी जीत ने इस आंदोलन को अमेरिका में एक नई पहचान दी है। ट्रम्प के चुनावी अभियान के दौरान महिला अधिकारों और विशेष रूप से प्रजनन अधिकारों पर सवाल उठाए गए थे। सुप्रीम कोर्ट के 2022 के निर्णय, जिसने ऐतिहासिक Roe v. Wade मामले को पलट दिया था, ने अमेरिका में महिलाओं के बीच प्रजनन अधिकारों को लेकर चिंताओं को बढ़ा दिया। ट्रम्प की जीत ने इन चिंताओं को और अधिक तीव्र किया, क्योंकि उनकी नीतियाँ और विचारधारा महिला अधिकारों के प्रति उदासीन प्रतीत होते हैं।
कैसे और क्यों महिलाओं में बढ़ रही है 4बी आंदोलन की रुचि?
ट्रम्प की जीत के तुरंत बाद सोशल मीडिया प्लेटफार्मों जैसे कि TikTok, Twitter, और अन्य पर 4बी आंदोलन के समर्थन में पोस्ट्स और वीडियो की संख्या में जबरदस्त उछाल देखा गया। युवा अमेरिकी महिलाएँ, विशेष रूप से जो ट्रम्प के दृष्टिकोण से नाखुश थीं, ने दक्षिण कोरियाई महिलाओं के इस आंदोलन को अपनाने की बात कही। Google ट्रेंड्स के अनुसार, "4बी मूवमेंट" की सर्च इनक्वायरी चुनाव के बाद के 48 घंटों में 500,000 से अधिक रही और यह एक शीर्ष ट्रेंडिंग टॉपिक बन गया। इस आंदोलन को लेकर अमेरिकी महिलाओं में जोश और जागरूकता का माहौल बन रहा है।
4बी आंदोलन केवल व्यक्तिगत स्वतंत्रता तक सीमित नहीं है। यह एक सामाजिक संदेश भी देता है कि महिलाओं को पुरुष प्रधान समाज में अपनी भूमिका खुद तय करने का अधिकार है। अमेरिका में, जहाँ महिलाओं को अभी भी वेतन असमानता, यौन शोषण और सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है, इस आंदोलन को एक नए सशक्तिकरण के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि 4बी आंदोलन अमेरिकी समाज में एक महत्वपूर्ण सामाजिक परिवर्तन का प्रतीक है। महिलाओं को यह सोचने का मौका मिला है कि वे पुरुष प्रधान समाज में अपनी स्थिति को कैसे चुनौती दे सकती हैं। समाजशास्त्री मीरा चोई कहती हैं, "यह आंदोलन महिलाओं के जीवन को अपनी शर्तों पर जीने का माध्यम है।"
जहाँ एक ओर 4बी आंदोलन को सशक्तिकरण के रूप में देखा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर इसके आलोचक भी हैं। कुछ का मानना है कि यह आंदोलन एक अतिवादी कदम है जो समाज में मेल-जोल की भावना को कमजोर करता है। आलोचक मानते हैं कि समाज में पुरुषों और महिलाओं के बीच सामंजस्य और आपसी समर्थन की भी आवश्यकता होती है।
लेकिन 4बी आंदोलन से जुड़े समर्थक मानते हैं कि यह समय की आवश्यकता है, क्योंकि महिलाओं को अब भी अपनी सुरक्षा, आत्मसम्मान और जीवन की गुणवत्ता के लिए समझौता करना पड़ता है।