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ट्रंप के टैरिफ अटैक के बीच कनाडा को मिला नया पीएम, जानिए कौन हैं मार्क कार्नी

कनाडा ने अपने नए प्रधानमंत्री के रूप में मार्क कार्नी को चुना है। उन्होंने शुक्रवार को शपथ ली और पूर्व पीएम जस्टिन ट्रूडो की जगह ली। कार्नी को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय जगत का दिग्गज माना जाता है, लेकिन वे ऐसे समय में सत्ता संभाल रहे हैं जब कनाडा और अमेरिका के बीच टैरिफ वॉर चल रही है।
ट्रंप के टैरिफ अटैक के बीच कनाडा को मिला नया पीएम, जानिए कौन हैं मार्क कार्नी
कनाडा में एक नए युग की शुरुआत हो चुकी है। लिबरल पार्टी के नेता और पूर्व बैंक ऑफ इंग्लैंड गवर्नर मार्क कार्नी ने शुक्रवार को कनाडा के अगले प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। उनकी नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका और कनाडा के बीच टैरिफ वॉर तेज हो गई है और व्यापारिक संबंध तनावपूर्ण हो चुके हैं।

मार्क कार्नी को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय जगत का दिग्गज माना जाता है। उनकी सबसे बड़ी चुनौती होगी अमेरिका के साथ व्यापार संतुलन बनाना, आर्थिक स्थिरता बनाए रखना और भारत समेत अन्य वैश्विक शक्तियों से कूटनीतिक संबंधों को सुधारना।

कौन हैं मार्क कार्नी?

मार्क कार्नी का नाम वैश्विक अर्थव्यवस्था के दिग्गजों में गिना जाता है। वे बैंक ऑफ कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड के पूर्व गवर्नर रह चुके हैं। खासतौर पर 2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी के दौरान उन्होंने कनाडाई अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई थी। 2013 में वे बैंक ऑफ इंग्लैंड के पहले गैर-ब्रिटिश गवर्नर बने और ब्रेक्सिट संकट के दौरान ब्रिटेन की आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने में उन्होंने खास योगदान दिया। उनके मजबूत आर्थिक अनुभव को देखते हुए लिबरल पार्टी ने उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया और आखिरकार वे देश के 24वें प्रधानमंत्री बने।

अमेरिका-कनाडा के बीच बढ़ती टैरिफ वॉर

मार्क कार्नी ऐसे समय में सत्ता में आए हैं जब अमेरिका और कनाडा के बीच व्यापार युद्ध (टैरिफ वॉर) अपने चरम पर है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा से आयात होने वाले स्टील और एल्युमीनियम पर 25% टैरिफ लगा दिया है, जिससे दोनों देशों के संबंधों में दरार आ गई है। ट्रंप यहीं नहीं रुके, उन्होंने 2 अप्रैल से कनाडा के अन्य उत्पादों पर भी भारी टैरिफ लगाने की धमकी दी है। इससे कनाडा की अर्थव्यवस्था को गहरा झटका लग सकता है।

ट्रंप का विवादित बयान

डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि "कनाडा और अमेरिका के बीच की सीमा केवल एक काल्पनिक रेखा है।" उन्होंने यह तक कह दिया कि "अगर कनाडा अमेरिका का 51वां राज्य बन जाता है, तो इससे दोनों देशों को फायदा होगा।ट्रंप की इस टिप्पणी से कनाडाई जनता नाराज हो गई है। कनाडा में "बॉयकॉट अमेरिकन प्रोडक्ट्स" अभियान शुरू हो गया है। लोग अमेरिकी उत्पादों का बहिष्कार कर रहे हैं, यहां तक कि NHL और NBA मैचों में अमेरिकी राष्ट्रगान का विरोध किया जा रहा है।

कनाडा-भारत के रिश्तों में सुधार की उम्मीद?

वही भारत और कनाडा के रिश्ते हाल के वर्षों में तनावपूर्ण रहे हैं। भारत-कनाडा के बीच खालिस्तान मुद्दे को लेकर विवाद बढ़ा था, जिससे व्यापारिक और राजनीतिक संबंध प्रभावित हुए। मार्क कार्नी की नीति भारत के लिए क्या होगी, यह देखने वाली बात होगी। हालांकि, यह माना जा रहा है कि वे व्यापारिक संबंधों को सुधारने की दिशा में संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाएंगे। कनाडा में भारतीय मूल के प्रवासियों की बड़ी संख्या होने के कारण दोनों देशों के बीच मधुर संबंध बनाना आवश्यक हो गया है।

कनाडा की आंतरिक चुनौतियां
1. आर्थिक मंदी का खतरा- अमेरिका के साथ बढ़ते टैरिफ वॉर का सीधा असर कनाडा की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है। यदि ट्रंप ने और अधिक आयात शुल्क लगाया तो कनाडाई उत्पादों की वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा घट सकती है।

2. ऊर्जा संकट- कनाडा की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा तेल और गैस पर निर्भर है। लेकिन वैश्विक ऊर्जा संकट और बढ़ते पर्यावरणीय नियमों के चलते इस क्षेत्र को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

3. आव्रजन नीति- कनाडा दुनिया के उन देशों में से एक है जो प्रवासियों को खुले दिल से स्वीकार करता है। लेकिन बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई के कारण कई लोग सरकार से आव्रजन नीति में बदलाव की मांग कर रहे हैं।

क्या कार्नी कनाडा को संकट से निकाल पाएंगे?
मार्क कार्नी के सामने कई चुनौतियां हैं—अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध, भारत और अन्य देशों के साथ कूटनीतिक संबंधों को सुधारना, और घरेलू आर्थिक नीतियों को सही दिशा में ले जाना। उनके पास आर्थिक स्थिरता का व्यापक अनुभव है, लेकिन सवाल यह है कि क्या वे डोनाल्ड ट्रंप के आक्रामक रुख का सामना कर पाएंगे? क्या वे भारत और कनाडा के बीच व्यापार संबंधों को सुधार पाएंगे?

आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कनाडा और अमेरिका के संबंध सुधरते हैं या और बिगड़ते हैं। मार्क कार्नी की आर्थिक और कूटनीतिक नीतियां ही यह तय करेंगी कि वे कनाडा को इस संकट से कैसे निकालते हैं।
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