चीन क्यों बनता जा रहा है घातक महामारियों का जन्मस्थान? वजह कर देगी हैरान
चीन पिछले कुछ दशकों में दुनिया की घातक महामारियों का केंद्र बनकर उभरा है। 2003 में सार्स वायरस से लेकर 2019 में कोविड-19 और अब ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) तक, चीन बार-बार खतरनाक वायरसों के कारण चर्चा में रहा है। इन महामारियों के फैलने के पीछे चीन की घनी आबादी, जंगली जानवरों का सेवन, वेट मार्केट्स, और तेजी से शहरीकरण जैसे कई कारण हैं।
पिछले कुछ दशकों में, चीन बार-बार खतरनाक महामारियों के केंद्र में रहा है। चाहे वह 2003 का सार्स वायरस हो, 2020 का कोरोनावायरस, या अब ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV)—चीन के नाम से महामारी का जिक्र होते ही एक डर का माहौल बन जाता है। इस ब्लॉग में, हम उन कारणों और घटनाओं का गहराई से विश्लेषण करेंगे जो चीन को बार-बार महामारियों का अड्डा बनाती हैं। यह कहानी न केवल जानकारियों का संग्रह है, बल्कि आपको सोचने पर मजबूर कर देगी कि आखिर इन महामारियों के पीछे छिपे सच क्या हैं।
सार्स वायरस का प्रकोप (2003)
साल 2003 में, सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS) ने दुनिया को चौंका दिया। यह वायरस सबसे पहले चीन के ग्वांगडोंग प्रांत में पाया गया और माना जाता है कि यह चमगादड़ों और बिल्लियों के माध्यम से इंसानों में फैला। वायरस ने 26 देशों में फैलकर 8000 से अधिक लोगों को संक्रमित किया और 774 की जान ले ली। सार्स के प्रकोप के दौरान, चीन ने वायरस के बारे में जानकारी को छिपाने की कोशिश की। यह देरी दुनिया भर में संक्रमण के फैलने का कारण बनी। सार्स ने यह सिखाया कि वायरस का तेजी से खुलासा और पारदर्शिता कितनी महत्वपूर्ण है, लेकिन चीन ने इससे सबक लेने के बजाय अपने वेट मार्केट्स और जंगली जानवरों के व्यापार को जारी रखा।
बर्ड फ्लू (H5N1)
1996 में चीन में ही बर्ड फ्लू (H5N1) वायरस की पहचान हुई थी। यह वायरस पक्षियों से इंसानों में फैलता है और इसकी मृत्यु दर 60% तक है। संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले लोग बड़ी संख्या में प्रभावित हुए। विशेषज्ञों के अनुसार, चीन के वेट मार्केट्स इस वायरस के फैलने का सबसे बड़ा स्रोत रहे। यहां जानवरों के खून, मांस और शरीर के अन्य अंगों के सीधे संपर्क से इंसानों में संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ता है। बर्ड फ्लू को नियंत्रित करने में लगी लाखों डॉलर की लागत और सैकड़ों लोगों की मौत ने इसे महामारियों की सूची में एक खतरनाक नाम बना दिया।
कोरोनावायरस (COVID-19)
2019 में, चीन के वुहान से कोविड-19 महामारी ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया। यह वायरस चमगादड़ों और पैंगोलिन के जरिए इंसानों तक पहुंचा। इसके बाद, चीन के वेट मार्केट्स पर फिर से सवाल उठने लगे। कोविड-19 ने 20वीं सदी की सबसे बड़ी महामारी बनकर करोड़ों लोगों को प्रभावित किया और लाखों की जान ली। चीन ने वायरस की जानकारी को दबाने में वही गलती दोहराई, जो सार्स के समय की गई थी। शुरुआती जांच में देरी और पारदर्शिता की कमी ने इसे वैश्विक महामारी में बदल दिया।
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV)
हाल ही में, ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का नाम चर्चा में है। यह वायरस छोटे बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित कर रहा है। कोविड-19 के समान लक्षणों वाला यह वायरस चीन में तेजी से फैल रहा है। इसका मुख्य कारण चीन की घनी आबादी और वायरस-प्रवण वेट मार्केट्स हैं।
चीन में महामारियां क्यों बार-बार फैलती हैं?
1. घनी आबादी: चीन की जनसंख्या 1.4 अरब से अधिक है, और उसके शहरी क्षेत्र विश्व के सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में गिने जाते हैं। यहां के भीड़भाड़ वाले इलाके महामारियों के लिए एक आदर्श वातावरण तैयार करते हैं।
2. जंगली जानवरों के साथ संपर्क: चीन में जंगली जानवरों का सेवन एक पारंपरिक संस्कृति का हिस्सा है। ये जानवर कई तरह के वायरसों के वाहक होते हैं, जो इंसानों तक आसानी से पहुंच सकते हैं। उदाहरण के लिए, कोविड-19 की उत्पत्ति चमगादड़ों और पैंगोलिन से जुड़ी थी।
3. वेट मार्केट्स का खतरा: चीन के वेट मार्केट्स में जीवित और मृत जानवरों की बिक्री होती है। यहां जानवरों के खून और शरीर के अन्य अंगों से वायरस इंसानों तक पहुंच जाते हैं। ये मार्केट्स वायरस प्रसार के लिए आदर्श स्थान बनाते हैं।
4. तेजी से शहरीकरण और यात्रा: चीन में शहरीकरण की गति बहुत तेज है, और इसके ट्रांसपोर्ट नेटवर्क ने अंतरराष्ट्रीय संपर्क को बढ़ा दिया है। ऐसे में, किसी भी वायरस का फैलाव केवल कुछ दिनों में वैश्विक स्तर पर हो सकता है।
चीन को अपनी वेट मार्केट्स पर सख्त नियम लागू करने की आवश्यकता है। इसके अलावा, जंगली जानवरों के व्यापार पर प्रतिबंध, पारदर्शिता और शुरुआती चेतावनी प्रणाली को मजबूत करना जरूरी है। दुनिया को चीन के इन वायरस खतरों से बचाने के लिए वैश्विक स्तर पर सहयोग और सतर्कता की आवश्यकता है।
चीन की घनी आबादी, जंगली जानवरों के साथ संबंध, वेट मार्केट्स और शहरीकरण महामारियों का अड्डा बनने के लिए जिम्मेदार हैं। इन महामारियों से बचने के लिए पारदर्शिता, शिक्षा और सख्त नियमों की आवश्यकता है। यह समय है कि चीन और दुनिया मिलकर इन खतरों को रोकने के लिए गंभीर कदम उठाएं। क्या चीन से अगली महामारी को रोका जा सकता है? यह सवाल अब भी बाकी है।