Advertisement

पड़ोसी नेपाल में योगी का धूम, सड़कों पर उमड़ी भीड़ ने भारत से क्या मांग लिया ?

नेपालियों को अब योगी से आस है…योगी की मदद से नेपाल के लोग चीन समर्थक वामपंथियों के हाथ से अपने देश को निकालकर वापस राजशाही वहां लाना चाहते हैं
पड़ोसी नेपाल में योगी का धूम, सड़कों पर उमड़ी भीड़ ने भारत से क्या मांग लिया ?
भारत का पड़ोसी नेपाल जहां इन दिनों चीन का प्रभुत्तव बढ़ रहा है।नेपाल की के पी ओली सरकार XI Jinping के बहकावे में आ रही है। लेकिन वहां की हिन्दुत्व वादी ताक़तें नेपाल को एक बार फिर अपने असली स्वरूप में लाने ले लिए अब सड़कों पर है। प्रदर्शन हो रहे हैं।और इसे ताक़त देने के लिए नेपाल के लोग योगी की मांग कर रहे हैं।

नेपालियों को अब योगी से आस है। योगी की मदद से नेपाल के लोग चीन समर्थक वामपंथियों के हाथ से अपने देश को निकालकर वापस राजशाही वहां लाना चाहते हैं।दरअसल, नेपाल के हज़ारों लोगों का मानना है कि 2008 में नेपाल से राजशाही तो चली गई लेकिन लोकतंत्र की बात करने वाले वहां लोकतंत्र स्थापित कर नहीं पाए यानी नेपाल मेमं लोकतंत्र सिर्फ़ नाम का रह गया है। 2008 के बाद लगातार अस्थिर सरकारों की वजह से वहां की जनता परेशान है और वापस राजशाही चाहती है।अब नेपाल में लोगों को एक दम योगी क्यों याद आए और क्या नेपाल में अब कुछ बड़ा होने वाला ये बताएंगे लेकिन उससे पहले ये जानिए कि नेपाल की सड़कों पर लोगों का ये हुजूम तब उमड़ पड़ा जब पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह काठमांडू के त्रिभुवन हवाई अड्डे पर पहुंचे उनके स्वागत के लिए उनके समर्थकों ने मोटरसाइकिलों पर सवार होकर ज्ञानेंद्र शाह की तस्वीरें और राष्ट्रीय झंडे लहराए। इसके बाद से ये अंदाज़ा लगाया जाने लगा कि नेपाल में एक बार फिर राजशाही आएगी। लेकिन इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ के पोस्टर भी लहराए गए। इन पोस्टर्स पर राज तंत्र पुनः स्थापित करें लिखा था। "अब योगी को याद करना ऐसे ही नहीं शुरू हुआ"


आरोप है कि नेपाल में मौजूदा सरकार से लोग बेहद परेशान हैं।

करप्शन और राजनीतिक अस्थिरता के चलते भी लोग अब नेपाल में राजशाही को वापस लाने की मांग कर रहे हैं।

इसके लिए हज़ारों लोगों ने नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के पोखरा से काठमांडू लौटने पर राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी ने रैली निकाली ।

जिस रैली में ज्ञानेंद्र शाह की तस्वीरों के साथ सनातन के धव्जवाहक सीएम योगी की तस्वीरें भी थी।

दरअसल, 16 साल पहले की बात है नेपाल दुनिया का एकमात्र हिन्दू राष्ट्र हुआ करता था। 2008 तक ज्ञानेंद्र शाह नेपाल के राजा हुआ करते थे। लेकिन एक माओवादी आंदोलन और एक कथित वामपंथी क्रांति के बाद भारत के इस पड़ोसी देश में सत्ता परिवर्तन हुआ और ज्ञानेंद्र शाह को सिंहासन खाली करना पड़ा। 2008 में राजशाही खत्म होने के बाद से नेपाल में 13 सरकारें बन चुकी हैं। बीते कुछ सालों में नेपाल की अर्थव्यवस्था भी गिरी है।

अब नेपाल में राजशाही के समर्थक शासन की राजशाही व्यवस्था की वापसी की मांग कर रहे हैं। और योगी से उन्हें मदद की आस है। योगी बार बार हर बार हर मंच से सनातन की शक्ति का अहसास करवाते हैं। चलिए आपकों उनका एक भाषण सुनवाते हैं जब उन्होंने कह दिया था कि कि धर्म एक ही है और वो सनातन धर्म है। 
Advertisement

Related articles

Advertisement