एक लड़की ने पूरे पाकिस्तान को हिला डाला, सेना और सरकार भी सहमे !
पाकिस्तान सेना के आदेश पर बलूचिस्तान आंदोलन का चेहरा बन गई महरंग बलूच को गिरफ्तार कर लिया गया है। पाकिस्तानी सेना के आदेश पर क्वेटा की पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया है और गिरफ्तारी के बाद से वो गायब हैं

पाकिस्तान से अलग होने और सालों से हो रहे अत्याचार के ख़िलाफ़ बलूचिस्तान में भड़की विद्रोह की आग रोज़ और ज़्यादा भड़क रही है।अलग बलूचिस्तान की मांग करने वाले बलूचों पर बर्बरता की हर इंतहा को पार कर दिया गया है।पाकिस्तानी सेना बलूचों को निशाना बनाकर उनके विद्रोह को दबाने की हर कोशिश में लगी है।लेकिन एक लड़की है जो लड़ रही है।जिसकी एक आवाज़ से हज़ारों बलूच समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आते हैं। जो अपनों के लिए लड़ रही है। हज़ारों की संख्या में ग़ायब हुए बलूच लोगों की आवाज़ बनी ये लड़की पाकिस्तान के क़ाबू में नहीं आ रही। बलूच लोगों के आंदोलन का चेहरा बन चुकी और पाकिस्तानी हुकूमत से सीधे टक्कर लेना वाली महरंग बलूच आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है।पिछले दिनों शांतिपूर्ण प्रदर्शन को कुचलने की मंशा से डरी सहमी पाकिस्तानी हुकूमत और सेनी ने आतंकवाद का आरोपी बनाकर महरंग बलूच और कई अन्य कार्यकर्ताओं को क्वेटा जिला जेल में बंद कर दिया है।प्रदर्शनकारियों पर आतंकवाद, हत्या और हत्या का प्रयास, हिंसा-विद्रोह को भड़काने का आरोप लगाकर मुंह बंद कराने की कोशिश की जा रही है। पिछले दिनों रावलपिंडी के पाकिस्तानी सेना के हेडक्वाटर के आदेश आने का बाद क्वेटा में इंटरनेट बंद कर दिया गया और मासूम बच्चों के साथ साथ 5 लोगों को सेना ने मौत के घाट उतार दिया। सेना ने महरंग बलूच को ग़ायब करने के लिए पूरी ताकत झोंकी हुई है।ठीक वैसे ही जैसे उनके पिता की ग़िरफ्तारी के बाद ग़ायब किया गया। और फिर उनकी हत्या कर दी।और उनके भाई को ख़तरनाक टॉर्चर किया गया था।
वैसे तो अंतराष्ट्रीय मंचों पर कहने को महरंग बलूच की आवाज़ पहुंची है लेकिन महरंग ने पहले ही दुनिया भर में एक तरफ़ा ढोंग करने वाले ECOSYSTEM से पूछा था कि वो फिलीस्तीन के लिए इज़रायल का विरोध तो करते हैं लेकिन बलूचिस्तान में सालों से हो रहे पाकिस्तान की तरफ़ से अत्याचार का विरोध क्यों नहीं करते। वीडियो। सोशल मीडिया पर ALL EYES ON BALOCHISTAN का ऐजेंडा चलाने वाला क्या कोई नहीं है। सिर्फ महरंग बलूच ही नहीं एक औऱ बलूच आंदोलनकारी सैम्मी दीन बलूच को भी बल प्रयोग कर गिऱफ्तार किया गया। तो इस बीच बड़ा सवाल ये है कि ये दोनों शेरनियां क्या वापस आ पाएंगी। पाकिस्तान को सबसे बड़ा डर यही है कि धीरे धीरे ही सही महरंग और उनके साथियों की आवाज़ अंतराष्ट्रीय मंचों तक पहुंच रही है। सिर्फ पाकिस्तान में ही नहीं बलूचिस्ताव के लिए विदेशों में भी आवाज़ बुलंद है। महरंग बलूच का कहना है कि बलूचिस्तान में आतंकवाद की वजह पाकिस्तान की सेना है, जिसने हजारों युवाओं को मार डाला है, जिसके खिलाफ बलूचों का गुस्सा फूट पड़ा। महरंग बलूच बलूचों के गुस्से को जायज मानती हैं और उनकी मांग रही है कि पाकिस्तान की सेना, गायब बलूच युवाओं को रिहा करे। पाकिस्तान की सेना बलूच युवाओं को गिरफ्तार करने के बाद उन्हें आतंकवादी ठहराकर उनकी हत्या कर देती है। 2023 में महरंग बलूच ने उस वक्त आंदोलन शुरू किया था जब बालाच मोला नाम के एक शख्स को पाकिस्तानी सेना ने गिरफ्तार करने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी थी। पाकिस्तानी सेना ने कहा था कि बालाच मोला की मौत झड़प में हुई है, लेकिन बलूचों का कहना है कि पाकिस्तान की सेना ने उसे गिरफ्तार किया था और जिस वक्त उसकी हत्या की गई, वो हिरासत में था।
बलूचिस्तान के एक मुस्लिम परिवार में जन्मी महरंग पेशे से एक डॉक्टर हैं उनकी पांच बहने और एक भाई हैं।उनके पिता अब्दुल गफ्फार बलूच एक मजदूर थे, 2009 में पाकिस्तानी सेना ने कराची में उस वक्त उन्हें अगवा किया था, जब वो एक अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हो रहे थे। इसके बाद उनकी हत्या कर दी गई।अपने पिता की मौत के समय महरंग बलूच सिर्फ 16 साल की थीं। 2011 में उनके पिता की लाश जिसपर ज़ुल्म और क्रूरता के बेहद गंभीर निशान थे। उसे देखने के बाद महरंग का खून भी पाकिस्तानी सेना के खिलाफ उबाल मारने लगा। उनके भाई को 2017 में सेना ने अपहरण किया था और तीन महीने तक गायब रखा था जिसके बाद उन्हें रिहा किया गया लेकिन तब तक महरंग पाकिस्तानी सेना की जड़े हिलाने की स्क्रिप्ट लिख चुकीं थीं।बलूच यकजेहती समिति (BYC) के नाम से वो एक संगठन चलाती हैं।
लगातार होते हमलों से पाकिस्तानी बौखलाई पाकिस्तानी आर्मी के चीफ़ असीम मुनीर बलूचों के ख़िलाफ़ एक्शन लेने की बात कर रहे हो।लेकिन अब जब बलूचिस्तान में स्थिति विस्फोटक हो चुकी है और लग रहा है कि स्थिति पाकिस्तान सरकार के हाथों से निकल रही है तो असीम मुनीर और शहबाज़ शरीफ़ बेबस नज़र आ रहे हैं। इसी बौखलाहट में उनकी एक एक गलती आने वाले दिनों में उनपर भारी ही पड़ने वाली है। बलूचिस्तान के मौजूदा हालातों से लगता है कि अगर महरंग बलूच के साथ सेना ने कुछ भी किया तो पाकिस्तानी सरकार के लिए कुछ भी संभालना मुश्किल होगा। बलूचों के आंदोलन को विकराल होने से अब वैसे भी को नहीं रोक सकता और अगर ये गलती की गई तो पाकिस्तान के ताबूत में ये आख़िरी कील साबित होगी।