ब्रिक्स सम्मेलन के बाद रूस और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों की मुलाकात | आखिर क्या हुई बात? टेंशन में क्यों है भारत?
ब्रिक्स सम्मेलन 2024 समापन के बाद रूस और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों की एक दूसरे से मुलाकात हुई है। यह मुलाकात पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में हुई है। जहां दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर अहम चर्चा हुई। इस मुलाकात में भारत की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि दोनों देशों के बीच किसी भी तरह का रक्षा समझौता नहीं हुआ है।
ब्रिक्स सम्मेलन समापन के बाद रूस और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों ने एक दूसरे से मुलाकात की है। 29 अक्टूबर को रूस के उप सुरक्षा मंत्री कर्नल जनरल अलेक्जेंडर वी. फोमिन ने पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में तीनों सेना के प्रमुखों से अलग-अलग मुलाकात की। दोनों देशों की मुलाकात में कई मुद्दों पर चर्चा हुई। एक दूसरे के सहयोग को आगे बढ़ाने का भी संकल्प लिया गया। बता दें कि पाकिस्तान को ब्रिक्स सम्मेलन में शिरकत करने का न्यौता नहीं मिला था। उस वक्त पाकिस्तान को करारा झटका लगा था। लेकिन अब इस मुलाकात ने भारत की टेंशन बढ़ा दी है। बता दें कि इस वक्त पाकिस्तान रूस के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने में लगा है।
ब्रिक्स सम्मेलन के कुछ ही दिन बाद रूस और पाकिस्तान की मुलाकात
बता दें कि रूस और पाकिस्तान के बीच हुई इस मुलाकात को लेकर पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा ‘इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ने एक बयान जारी किया है। जिसमें बताया गया है कि
"सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के अगुवाई में रूस के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में दोनों देशों ने क्षेत्रीय सुरक्षा औऱ आपसी हितों के मुद्दे पर गहन विचार विमर्श किया। इसमें द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने पर भी चर्चा की गई है" इस बैठक में संयुक्त सैन्य अभ्यास और पीएएफ उपकरणों के लिए तकनीकी सहायता और दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने पर भी विचार विमर्श किया गया"।
चीन और पाकिस्तान की मुलाकात ने भारत की चिंता बढ़ाई
हाल ही के कुछ समय में रूस और पाकिस्तान के बीच रिश्ते काफी मजबूत हुए हैं। बिजनेस रिकॉर्डर की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2023 में रूस और पाकिस्तान के बीच सालाना बिजनेस में 50% तक की बढ़ोतरी हुई है। जो कि 1 बिलियन डॉलर से अधिक हो चुकी है।
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच रूस को आर्थिक रूप से काफी नुकसान हुआ है। वह आर्थिक संकट से घिरने लगा है। यही वजह है कि रूस पश्चिमी देशों से अपने रिश्तों को मजबूत करने में लगा है। इस समस्या से निपटने के लिए नए सहयोगियों की तलाश है।
पिछले साल रूसी कच्चे तेल की पहली खेप पाकिस्तान के कराची पोर्ट पर पहुंची। साल 2023 के अंत तक पाकिस्तानी को रूसी निर्यात में इसकी हिस्सेदारी 20 फीसदी से अधिक हो गई है। हालांकि इन सब मुद्दों पर हुई बातचीत ने भारत की चिंता जरूर बढ़ाई है। लेकिन अच्छी बात यह है कि भारत और रूस की दोस्ती जो दशकों पुरानी है। इस बात का ख्याल रखते हुए। रूस ने पाकिस्तान के साथ कोई भी रक्षा समझौता नहीं किया है।