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अमेरिका ने छोड़ा यूक्रेन का साथ, तो जेलेंस्की का 'प्लान B' है तैयार

अमेरिका और यूक्रेन के रिश्तों में तनाव चरम पर है! हाल ही में ओवल ऑफिस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच तीखी बहस हुई, जहां ट्रंप ने यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य मदद पर सवाल उठाए। इस घटना के बाद यूक्रेन के सांसद वादिम हलाईचुक ने बड़ा बयान दिया कि यदि अमेरिका सहयोग बंद भी कर देता है, तो भी यूक्रेन के पास रूस से निपटने के लिए ‘प्लान B’ मौजूद है।
अमेरिका ने छोड़ा यूक्रेन का साथ, तो जेलेंस्की का 'प्लान B'  है तैयार
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच ओवल ऑफिस में हुई गरमागरम बहस की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। इस बीच, यूक्रेन के सांसद वादिम हलाईचुक को विश्वास है कि उनका देश रूसी हमलों का सामना करने में सक्षम है, भले ही अमेरिका उनका समर्थन न भी करे। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन के पास रूस से निपटने के लिए 'प्लान B' भी है।

हलाईचुक के मुताबिक, अगर अमेरिका यूक्रेन की मदद करना बंद भी कर देता है, तो उनका देश अन्य स्रोतों से सहायता प्राप्त करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, "हमें यकीन है। भगवान न करे अगर आपूर्ति बंद हो जाए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम अन्य देशों से आपूर्ति लेने में असमर्थ हैं। फ्रंटलाइन पर ज्यादातर कार्रवाई विभिन्न प्रकार के ड्रोन की मदद से की जा रही है, जो अलग-अलग काम करते हैं और ये ज्यादातर यूक्रेन में बने होते हैं। उनमें से कई हमारे यूरोपीय भागीदारों और दुनिया भर के अन्य भागीदारों की ओर से भी वितरित किए जाते हैं। हम अमेरिका सहित अपने सहयोगियों के साथ काम करना जारी रखेंगे और अपनी स्थिति को स्पष्ट करने का प्रयास करेंगे।"

यूक्रेन पर पहले भी आ चुकी है ऐसी स्थिति 

यूक्रेनी सांसद ने आगे कहा कि यूक्रेन को एक साल पहले भी ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा था, जब अमेरिकी सहायता शिपमेंट छह महीने तक रुकी रही थी। उन्होंने कहा, "एक साल पहले हमें अमेरिका से छह महीने तक आपूर्ति में कुछ रुकावट का काफी दुखद अनुभव हुआ था। कोई आपूर्ति नहीं हुई और इससे यूक्रेन की अग्रिम मोर्चे पर रूसी दबाव का सामना करने की क्षमता प्रभावित हुई। इसके कारण हमें हथियारों की आपूर्ति के मामले में अधिक गंभीर और स्वतंत्र होना पड़ा।"

हलाईचुक ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमेरिका कीव को समर्थन देना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए जरूरी संसाधनों को सुरक्षित करने के लिए सभी सहयोगियों के साथ काम करने के लिए यूक्रेन तैयार है। यूक्रेनी सांसद की यह टिप्पणी राष्ट्रपति ट्रंप, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच तीखी नोकझोंक के बाद आई है।

ट्रंप-जेलेंस्की की तीखी बहस,जानें मामला?

शुक्रवार को ओवल ऑफिस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच हुई बैठक में तनावपूर्ण माहौल देखा गया। बैठक के दौरान ट्रंप ने जेलेंस्की पर आरोप लगाया कि उनकी कार्रवाइयों से लाखों लोगों का जीवन खतरे में पड़ सकता है और इससे तीसरा विश्व युद्ध छिड़ सकता है। इसके जवाब में जेलेंस्की ने अमेरिकी प्रशासन से पुतिन के इरादों के प्रति अधिक सावधान रहने का आग्रह किया। इस तीखी बहस के बाद जेलेंस्की ने अमेरिकी प्रशासन के साथ महत्वपूर्ण खनिज समझौते पर हस्ताक्षर किए बिना व्हाइट हाउस से प्रस्थान किया। 

यूरोप में बेचैनी और रूस की प्रतिक्रिया

ओवल ऑफिस में हुई इस घटना के बाद यूरोप में बेचैनी बढ़ गई है। यूरोपीय देशों ने नई सुरक्षा रणनीति की आवश्यकता पर जोर दिया है, क्योंकि अब तक अमेरिका के साथ मिलकर जो रणनीति बनाई गई थी, वह ध्वस्त हो गई है। विदेश मामलों के जानकार हर्ष वी. पंत के अनुसार, युद्ध का खत्म होना सभी के लिए अच्छा है, लेकिन युद्ध के बाद के परिणामों पर ट्रंप की चर्चा की कमी से असर जरूर दिखेगा। 

दूसरी ओर, रूस के अधिकारियों ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की का मजाक उड़ाया है। रूसी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने टिप्पणी की कि यह तो चमत्कार था कि इतनी तीखी बहस के बाद ट्रंप और वेंस ने किसी तरह की शारीरिक लड़ाई नहीं की। पूर्व रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने सोशल मीडिया पर जेलेंस्की की तारीफ की और कहा कि उन्हें आज ओवल ऑफिस में करारा तमाचा पड़ा है। उन्होंने जेलेंस्की को 'कोकेन का क्लाउन' भी कहा। 

जेलेंस्की की लंदन यात्रा

ट्रंप के साथ हुई तीखी बहस के बाद, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने लंदन का दौरा किया, जहां उन्होंने यूरोपीय नेताओं से मुलाकात की। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य नाटो और यूरोपीय संघ के देशों से समर्थन प्राप्त करना था, ताकि रूस के खिलाफ यूक्रेन की स्थिति मजबूत हो सके। ब्रिटेन और अन्य यूरोपीय देश यूक्रेन को दी जाने वाली सहायता को और प्रभावी बनाने पर विचार कर रहे हैं, साथ ही रूस पर पहले से लगे आर्थिक प्रतिबंधों को और कड़ा करने की संभावना भी जताई जा रही है। 

इन राजनीतिक घटनाओं के बीच, युद्ध के मैदान में यूक्रेन को बड़ी सफलता मिली है। रिपोर्ट्स के अनुसार, रूस ने UMPK से लैस ग्लाइड बमों का इस्तेमाल करके सटीक हमला करने की अपनी क्षमता खो दी है
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