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ट्रंप का एक और बड़ा धमाका, 20 अप्रैल को लगेगा मार्शल लॉ जैसा आदेश, जानिए इसके मायने!

डोनाल्ड ट्रंप 20 अप्रैल को एक ऐसा आदेश लागू करने की योजना बना रहे हैं, जो अमेरिका की आंतरिक सुरक्षा के लिए सेना की तैनाती की अनुमति देगा। यह आदेश 1807 के विद्रोह अधिनियम के तहत आएगा और इसका उद्देश्य अवैध प्रवासियों से निपटना है। हालांकि, इसके प्रभाव मार्शल लॉ के समान हो सकते हैं, जिससे अमेरिका में नागरिक स्वतंत्रताओं पर असर पड़ सकता है।
ट्रंप का एक और बड़ा धमाका, 20 अप्रैल को लगेगा मार्शल लॉ जैसा आदेश, जानिए इसके मायने!
20 जनवरी 2025 को डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। शपथ ग्रहण के तुरंत बाद, उन्होंने कई कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा भी शामिल थी। अब, 20 अप्रैल को, ट्रंप एक ऐसे आदेश की योजना बना रहे हैं, जिसे कुछ विशेषज्ञ 'मार्शल लॉ' के समान मानते हैं। यह आदेश अमेरिका की आंतरिक सुरक्षा और प्रवासन नीतियों में बड़े बदलाव ला सकता है।

कानून व्यवस्था के लिए सेना की तैनाती

1807 का विद्रोह अधिनियम अमेरिकी राष्ट्रपति को विशेष परिस्थितियों में सेना और नेशनल गार्ड की तैनाती का अधिकार देता है। इसका उद्देश्य विद्रोह, हिंसा या कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति में हस्तक्षेप करना है। हालांकि, यह अधिनियम पॉसे कोमिटेटस एक्ट को ओवरराइड करता है, जो सामान्यतः सेना को नागरिक मामलों में हस्तक्षेप से रोकता है।

आंतरिक सुरक्षा के लिए सेना की भूमिका

ट्रंप प्रशासन का दावा है कि अमेरिका की दक्षिणी सीमा पर अवैध प्रवासियों की बढ़ती संख्या देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। इस खतरे से निपटने के लिए, ट्रंप 20 अप्रैल को सेना की तैनाती का आदेश दे सकते हैं। इसके तहत, सेना को सीमा सुरक्षा, अवैध प्रवासियों की पहचान और उन्हें देश से बाहर निकालने के लिए तैनात किया जा सकता है।

मार्शल लॉ बनाम विद्रोह अधिनियम में अंतर?

मार्शल लॉ में सेना को नागरिक प्रशासन की पूरी जिम्मेदारी सौंप दी जाती है, जबकि विद्रोह अधिनियम के तहत सेना केवल नागरिक अधिकारियों की सहायता करती है। ट्रंप का प्रस्तावित आदेश विद्रोह अधिनियम के तहत आएगा, लेकिन इसके प्रभाव मार्शल लॉ के समान हो सकते हैं, क्योंकि इसमें सेना की व्यापक भूमिका होगी।

ट्रंप के इस कदम की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हो रही है। कई देशों और मानवाधिकार संगठनों ने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया है। इसके अलावा, अमेरिका के भीतर भी इस आदेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो सकते हैं, जिससे देश में अस्थिरता बढ़ सकती है।

डोनाल्ड ट्रंप का 20 अप्रैल का प्रस्तावित आदेश अमेरिका की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, लेकिन इसके साथ ही यह नागरिक स्वतंत्रताओं और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खतरा भी बन सकता है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि ट्रंप इस आदेश को कैसे लागू करते हैं और इसका अमेरिका और दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ता है।
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