इजरायली मीडिया द्वारा फैलाए गए दावे 'पूरी तरह से अफवाहें हैं' - हमास
Israel Gaza War: हमास ने उन खबरों का खंडन किया है जिनमें दावा किया गया था कि उसके कुछ नेता कतर से तुर्की चले गए हैं। एक आधिकारिक बयान में, हमास के सूत्रों ने सोमवार को कहा कि इजरायली मीडिया द्वारा फैलाए गए दावे 'पूरी तरह से अफवाहें हैं जिन्हें इजरायल समय-समय पर बढ़ावा देने का प्रयास करता है।आइए जानते है इस खबर को विस्तार से...
हमास के राजनीतिक ब्यूरो के तुर्की में स्थानांतरित होने के दावे सच्चाई को नहीं दर्शाते हैं - हमास
" समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, रविवार को इजरायली मीडिया ने खबर दी कि विदेश में स्थित हमास के कई नेता हाल ही में कतर से तुर्की चले गए हैं। इससे पहले सोमवार को तुर्की के विदेश मंत्रालय ने इजरायली मीडिया की रिपोर्टों का खंडन करते हुए कहा कि 'हमास के राजनीतिक ब्यूरो के तुर्की में स्थानांतरित होने के दावे सच्चाई को नहीं दर्शाते हैं।' इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गाजा में तत्काल युद्धविराम लागू करने और मध्य पूर्व में परमाणु हथियार मुक्त क्षेत्र बनाने की अपील की। शिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, यूएन चीफ ने यह बात परमाणु हथियारों और अन्य सामूहिक विनाश के हथियारों से मुक्त मध्य पूर्व क्षेत्र की स्थापना- विषय पर सम्मेलन के पांचवें सत्र में एक वीडियो संदेश में कही।
हमास के हमले में करीब 1200 लोग मारे गए थे
गुटेरेस ने कहा कि इस तरह के क्षेत्र का विचार दशकों पुराना है, लेकिन क्षेत्रीय संघर्षों और तनावों के चरम पर पहुंचने के साथ, यह लक्ष्य दिन-प्रतिदिन और अधिक जरूरी होता जा रहा है। यूएन महासचिव ने कहा कि एक साल से अधिक समय से गाजा एक विनाशकारी दौर से गुजर रहा है। यह संकट पूरे क्षेत्र को अपनी चपेट में लेने की चेतावनी दे रहा है। इस बीच हम सभी लेबनान में बढ़ते तनाव से चिंतित हैं। 7 अक्टूबर इजरायल में हमास के बड़े हमले के जवाब में यहूदी राष्ट्र ने फिलिस्तीनी ग्रुप के कब्जे वाली गाजा पट्टी में सैन्य अभियान शुरू किया था। हमास के हमले में करीब 1200 लोग मारे गए थे जबकि 250 से अधिक लोगों को बंधक बनाया गया था। इजरायली हमलों ने गाजा में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है और हजारों फिलिस्तीनियों की मौत हुई है। इसके साथ ही इजरायली सेना 23 सितंबर से लेबनान पर एयर स्ट्राइक कर रही है। उसने सीमा पार एक 'सीमित' जमीनी अभियान भी चलाया है, जिसका उद्देश्य कथित तौर पर हिजबुल्लाह को कमजोर करना है।