ट्रंप के टैरिफ वार से भारत की जीत? अमेरिका ने बदला रुख!
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर Reciprocal टैक्स लगाने की धमकी दी थी, लेकिन भारत की कूटनीति और व्यापारिक रणनीति के चलते अब अमेरिका इस मुद्दे पर नरम पड़ता नजर आ रहा है। दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव को कम करने के लिए अमेरिका के उप व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडेन लॉंच भारत दौरे पर आ रहे हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दो अप्रैल, 2025 से भारतीय उत्पादों पर Reciprocal टैक्स (पारस्परिक कर) लगाने की धमकी दी थी। लेकिन भारत की कूटनीतिक चाल और मजबूत व्यापारिक रणनीति के चलते अब अमेरिका इस मुद्दे पर नरम पड़ता दिख रहा है। दोनों देशों के बीच लंबे समय से व्यापारिक तनाव चला आ रहा है, लेकिन अब इसे खत्म करने की दिशा में अहम बातचीत शुरू हो चुकी है।
ट्रंप प्रशासन भारत पर लगातार यह आरोप लगाता रहा है कि वह अमेरिकी उत्पादों पर अन्य देशों की तुलना में सबसे ज्यादा आयात शुल्क लगाता है। इसके जवाब में ट्रंप ने भी भारतीय उत्पादों पर भारी-भरकम Reciprocal टैक्स लगाने की धमकी दी थी। इस विवाद को शांत करने और व्यापार संतुलन बनाए रखने के लिए अमेरिका के उप व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडेन लॉंच पांच दिवसीय भारत दौरे पर आ रहे हैं।
यह यात्रा दोनों देशों के बीच अंतिम दौर की वार्ता मानी जा रही है, जो इस टकराव को हल करने में निर्णायक साबित हो सकती है। अमेरिका अब चाहता है कि भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को संतुलित और फायदेमंद बनाया जाए।
क्या चाहता है अमेरिका?
अमेरिका के आर्थिक रणनीतिकारों का मानना है कि भारत के साथ एक संतुलित व्यापार नीति बनानी चाहिए। अमेरिकी दूतावास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "अमेरिका और भारत के बीच निवेश और व्यापारिक संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए यह बैठक महत्वपूर्ण है। हम चाहते हैं कि यह बातचीत रचनात्मक और समान स्तर की हो, जिससे दोनों देशों को लाभ हो।"
ट्रंप के बयान और मोदी सरकार की प्रतिक्रिया
डोनाल्ड ट्रंप ने 2025 में दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद अब तक कम से कम सात बार भारत पर अतिरिक्त आयात शुल्क लगाने की धमकी दी है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत, अमेरिका से आयात किए जाने वाले उत्पादों पर सबसे ज्यादा टैक्स लगाता है। हालांकि, भारत सरकार इस मुद्दे पर अधिक प्रतिक्रिया देने से बचती रही है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने हाल ही में कहा "दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर बातचीत जारी है और हम पारस्परिक हितों को ध्यान में रखते हुए हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं।"
पीएम मोदी और ट्रंप के बीच हुई वार्ता
फरवरी 2025 में वॉशिंगटन में पीएम नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच एक अहम मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात में ट्रंप ने भारत द्वारा लगाए जा रहे भारी आयात शुल्क का मुद्दा उठाया था। दोनों नेताओं की बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया था कि साल के अंत तक भारत और अमेरिका व्यापार और निवेश को लेकर एक बड़े समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। इसके बाद, भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल अमेरिका दौरे पर गए और वहां व्यापार अधिकारियों के साथ कई दौर की बातचीत की।
भारत का जवाब और रणनीति
भारत ने अमेरिका को स्पष्ट कर दिया है कि जब दोनों देश साल के अंत तक व्यापारिक समझौता करने जा रहे हैं, तो इस मुद्दे को उसी समझौते के तहत सुलझाया जाना चाहिए। भारत ने यह भी कहा कि एक-दूसरे पर अतिरिक्त टैक्स लगाने से व्यापारिक माहौल खराब होगा, जिससे निवेश पर नकारात्मक असर पड़ेगा। भारत ने अमेरिकी व्यापार अधिकारियों को यह समझाने की कोशिश की कि "Reciprocal टैक्स" व्यापार में अनिश्चितता को बढ़ा सकता है।
भारत और अमेरिका के बीच 2024 में लगभग 200 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ था। मोदी सरकार का लक्ष्य इस व्यापार को बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है। नई दिल्ली में अगले कुछ दिनों तक भारतीय और अमेरिकी अधिकारी इस मुद्दे पर अंतिम वार्ता करेंगे। माना जा रहा है कि अमेरिका, भारत के तर्कों से प्रभावित हुआ है और Reciprocal टैक्स को लेकर नरम रुख अपनाने पर विचार कर सकता है।
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन यह वार्ता इस विवाद को हल करने में अहम भूमिका निभा सकती है। क्या अमेरिका सच में अपना रुख नरम करेगा या यह केवल एक कूटनीतिक चाल है? इसका जवाब आने वाले कुछ हफ्तों में साफ हो जाएगा।