फिर भड़का इजरायल-गाजा युद्ध! नेतन्याहू के फैसले से दुनिया में मचा हड़कंप
इजरायल और गाजा के बीच जारी संघर्ष ने एक बार फिर खतरनाक मोड़ ले लिया है। इजरायली सेना ने युद्धविराम तोड़ते हुए गाजा में पहली जमीनी कार्रवाई शुरू कर दी है। मंगलवार रात हुए भीषण हवाई हमलों में 400 से ज्यादा लोग मारे गए। इजरायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने कहा कि यह ऑपरेशन सुरक्षा ज़ोन बढ़ाने और गाजा के उत्तर और दक्षिण हिस्सों को अलग करने के लिए किया गया है।

गाजा में संघर्ष विराम खत्म होते ही जंग की लपटें फिर से तेज़ हो गई हैं। इजरायल ने गाजा में अपनी पहली ज़मीनी कार्रवाई करते हुए हमास के ठिकानों पर भीषण हमले किए। यह कार्रवाई मंगलवार रात हुए विनाशकारी हवाई हमलों के बाद शुरू हुई, जिसमें 400 से ज्यादा लोग मारे गए थे। इस जमीनी अभियान के पीछे इजरायल का मकसद हमास के प्रभाव को खत्म करना और अपने सुरक्षा क्षेत्र को बढ़ाना है।
कैसे टूटा युद्धविराम?
जनवरी में हुए युद्धविराम समझौते के तहत इजरायल ने गाजा में अपनी सेना हटाई थी और नेटजारिम कॉरिडोर को फिलिस्तीनियों के लिए खोल दिया था। इस कॉरिडोर के ज़रिए हजारों फिलिस्तीनी उत्तर और दक्षिण गाजा के बीच यात्रा कर पा रहे थे, कई लोग अपने तबाह हो चुके घरों को देखने लौटे थे। लेकिन इजरायल को आशंका थी कि हमास इस छूट का इस्तेमाल अपने नए गुटों को संगठित करने और हथियारबंद करने में कर रहा है। इसी बीच, हमास ने कथित तौर पर इजरायल के सीमावर्ती इलाकों में रॉकेट हमले तेज़ कर दिए, जिसके जवाब में इजरायल ने मंगलवार को जबरदस्त हवाई हमले किए।
इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) के अनुसार, ये हमले हमास के मुख्य गढ़ों को निशाना बनाकर किए गए थे, लेकिन गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इसमें सैकड़ों निर्दोष नागरिक भी मारे गए। इस हमले के बाद ही इजरायल ने बुधवार को अपनी "ज़मीनी कार्रवाई" का ऐलान किया।
गाजा में इजरायल की पहली जमीनी कार्रवाई
इजरायल की सेना ने गाजा के मध्य और दक्षिणी हिस्सों में अपनी उपस्थिति को मज़बूत करने के लिए "टारगेटेड ग्राउंड ऑपरेशन" शुरू किया। IDF ने कहा कि उन्होंने नेटजारिम कॉरिडोर पर अपना नियंत्रण फिर से बढ़ाया है और अब उत्तर और दक्षिण गाजा के बीच बफर ज़ोन बनाने पर काम कर रहे हैं।
यह इलाका रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह गाजा को दो हिस्सों में बांटता है—उत्तर गाजा, जहां हमास का मुख्य नियंत्रण है, और दक्षिणी गाजा, जो मिस्र की सीमा से सटा है। इजरायल की योजना इस क्षेत्र में स्थायी सैन्य उपस्थिति बनाए रखने की है ताकि हमास की गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके।
गाजा में अब क्या हो रहा है?
गाजा में स्थिति बेहद भयावह हो चुकी है। लगातार बमबारी और सैन्य हमलों के चलते आम नागरिकों के लिए हालात बदतर हो गए हैं। बिजली और पानी की आपूर्ति ठप हो चुकी है, अस्पतालों में दवाइयों की भारी कमी है, और हज़ारों लोग विस्थापित हो चुके हैं। फिलिस्तीनी प्रशासन ने इजरायल के हमलों को "युद्ध अपराध" करार दिया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की अपील की है। वहीं, इजरायल ने इसे "आत्मरक्षा" करार देते हुए कहा है कि यह कार्रवाई तब तक जारी रहेगी जब तक हमास पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाता।
नेतन्याहू के फैसले पर उठ रहे सवाल
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के इस फैसले को लेकर खुद इजरायल में भी भारी विरोध हो रहा है। यरुशलम में इजरायली संसद (कनेस्सेट) के बाहर हज़ारों लोग उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि नेतन्याहू अपनी अस्थिर सरकार को बचाने के लिए युद्ध को फिर से भड़का रहे हैं। इस बीच, इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज़ ने बयान दिया कि "अगर हमास ने बंधकों को नहीं लौटाया और गाजा पर उसका नियंत्रण बना रहा, तो गाजा के लोग इसकी पूरी कीमत चुकाएंगे।"
बंधकों की रिहाई को लेकर बढ़ा तनाव
इजरायल की इस कार्रवाई का एक और बड़ा कारण गाजा में बंधक बनाए गए इजरायली नागरिक हैं। इजरायल का कहना है कि हमास ने 251 इजरायली नागरिकों को अगवा किया था, जिनमें से अब तक सिर्फ 8 को जिंदा वापस लाया जा सका है। पहले हुए सीजफायर डील के तहत कुछ बंधकों को फिलिस्तीनी क़ैदियों के बदले रिहा किया गया था, लेकिन अब इजरायल चाहता है कि सभी बंधकों को जल्द से जल्द छुड़ाया जाए। इजरायल के सैन्य अधिकारियों का कहना है कि उनके हवाई हमले और जमीनी हमले हमास पर दबाव बनाने की रणनीति हैं ताकि वह बंधकों को छोड़ने के लिए मजबूर हो जाए। लेकिन हमास ने अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
हालांकि इजरायल की इस कार्रवाई की दुनिया भर में मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। अमेरिका और यूरोपीय देशों ने इजरायल के "आत्मरक्षा के अधिकार" का समर्थन किया है, लेकिन कई इस्लामिक देशों और संयुक्त राष्ट्र ने इस हमले को अनुचित बताया है और तत्काल युद्धविराम की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, "गाजा में हालात बहुत भयावह हैं। नागरिकों की रक्षा करना सभी पक्षों की ज़िम्मेदारी है। हमें तत्काल शांति प्रयासों की ज़रूरत है।"
इस नए सैन्य अभियान के बाद यह साफ हो गया है कि गाजा में जंग जल्द खत्म होने वाली नहीं है। इजरायल की रणनीति इस बार हमास के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की लग रही है, जिससे संघर्ष और भी लंबा खिंच सकता है। वहीं, गाजा के लोगों के लिए यह एक और बड़ा संकट है। युद्ध से तबाह हो चुके इस क्षेत्र में अब बचने के लिए कोई सुरक्षित स्थान नहीं है। मानवीय संगठनों का कहना है कि अगर जल्द युद्धविराम नहीं हुआ, तो यहां स्थिति और भी खराब हो सकती है। ऐसे में अब यह देखना होगा कि क्या कोई नया समझौता इस संघर्ष को रोक पाएगा या फिर यह युद्ध और भी लंबा खिंचेगा।