इज़रायल को आयरन डोम से लगा झटका, अब मानी हिज़्बुल्लाह की ताक़त !
इजरायल की फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस कहे जाने वाले आयरन डोम के कमांडर ने बड़ा कबूलनामा किया है। कमांडर ने माना है कि लेबनान का हिजबुल्लाह दिन-प्रतिदिन बेहतर होता जा रहा है। ऐसे में हम भी अपनी ताकत को बढ़ा रहे हैं।
गाजा पट्टी में हमास को बुरी तहर ख़त्म करने वाले इज़रायल ने अब हिज़्बुल्लाह को ख़त्म करने की क़सम खा ली है। लेकिन ये Israel के लिए आसान लग नहीं रहा। इज़रायल पिछले कई दिनों से ताबड़तोड़ हमले लेबनान में हिज़्बुल्लाह के ठिकानों पर कह रहा है। ये तस्वीरें देखिए इससे साफ़ नज़र आता है कि किस तरह हमले हिज़्बुल्लाह पर हो रहे हैं। लेबनान से लोगों को अपने घर से भागना पड़ रहा है। इज़रायल ने ये भी दावा किया की हिज़्बुल्लाह ने लोगों के घरों में कई घातक हथियार छिपा रखे हैं। जिसमें मिसाइल और कई ख़तरनाक हथियार हैं।
अब एक तो इससे ये साफ़ होता है कि हिज़्बुल्लाह अब वैसा कमजोर नहीं है जैसे इज़रायल उसे समझने की गलती कर रहा था। और बाकि तो पहले ही साफ़ हो चुका है जब इज़रायल के इन हमलों से पहले हिज़्बुल्लाह ने इज़रायल पर हमले किए थे। और तब इज़रायल अपने जिस आयरन डोम पर नाज करता है वो फेल हो गया था। हिज़्बुल्लाह ने इज़रायल पर Plastine 2 missile से हमला किया था। तब इज़रायली डिफ़ेंस फोर्सेस ने अपना सिर पकड़ा था।
उन्हें ये समझ नहीं आ रहा था कि आख़िर हिज़्बुल्लाह को ये तकनीक दी किसने जिसे उनके सबसे सुरक्षित कहे जाने वाली सुरक्षा प्रणाली को फेल साबित किया था और उसी के बाद बेंजामिन नेतनयाहू ने कहा था इसकी भारी क़ीमत हिज़्बुल्लाह को चुकानी होगी। लेकिन अब इजरायल की फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस कहे जाने वाले आयरन डोम के कमांडर ने बड़ा कबूलनामा किया है। कमांडर ने माना है कि लेबनान का हिजबुल्लाह दिन-प्रतिदिन बेहतर होता जा रहा है। ऐसे में हम भी अपनी ताकत को बढ़ा रहे हैं। आयरन डोम ही वह हथियार है, जो गाजा पट्टी, वेस्ट बैंक, लेबनान, इराक और ईरान से इजरायल की ओर दागे गए दर्जनों और सैकड़ों हथियारों को रोकता है। ऐसे में आयरन डोम के कमांडर के इस खुलासे को काफी अहम माना जा रहा है। हिजबुल्लाह को ईरान से उन्नत हथियार तकनीकी और दूसरी तरह की सैन्य मदद मिलती है।
इजरायली मीडिया वाईनेट से बात करते हुए लेबनान सीमा पर तैनात आयरन डोम बैटरी के कमांडर ने बताया,
"जब मैं सायरन सुनती हूं, तो मैं अलर्ट मोड में आ जाती हूं और जानती हूं कि अब कार्रवाई करने का समय आ गया है। मैं सेंट्रल इंटरसेप्शन सुपरविजन व्हीकल में बैठती हूं, जहां हम लक्ष्यों का पता लगाते हैं। जिस क्षण इजरायल की ओर लॉन्च होता है, हम लक्ष्यों की पहचान करते हैं और सेकंड के भीतर तय करते हैं कि उनके साथ क्या करना है - या तो उन्हें रोकना है या नीति के अनुसार उन्हें गिरने देना है। यह एक भारी जिम्मेदारी है और इसके लिए तेजी से निर्णय लेने की आवश्यकता होती है।
25 अगस्त की रात को कभी नहीं भूल पाऊंगी, जब हिजबुल्लाह ने हमारे देश के खिलाफ एक जवाबी हमला किया था। हमने उनकी गोलीबारी के लिए तैयारी की और अपनी सबसे मजबूत शिफ्ट को तैयार किया। मेरे गाड़ी में बैठते ही हमला शुरू हो गया। अचानक, हमें एक ऐसी बमबारी की तस्वीर मिली जो हमने पहले कभी नहीं देखी थी, जिसमें भारी संख्या में मिसाइल और ड्रोन थे। उत्तरी मोर्चे ने सालों में ऐसी बमबारी नहीं देखी थी। और हर कोई चुपचाप काम कर रहा था, हर व्यक्ति अपने लक्ष्य पर केंद्रित था।"