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इजरायली सेना ने हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह को उतारा मौत के घाट

इजरायल ने दक्षिण लेबनान में ताड़तोड़ हमला कर हिजबुल्लाह के चीफ नसरल्लाह, उनकी मिसाइल यूनिट के कमांडर मुहम्मद अली इस्माइल और उनके डिप्टी हुसैन अहमद इस्माइल को मार गिराया है। हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि फिलहाल नहीं हुई है।
इजरायली सेना ने हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह को उतारा मौत के घाट
इजरायल और हिजबुल्लाह के जारी संघर्ष को लेकर इस वक्त बड़ी खबर सामने आ रही है। इजरायल पूरी तरीके से हिजबुल्लाह पर कहर बनकर टूट पड़ा है। इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने तो कसम खा ली है कि हिज्बुल्लाह संगठन को पूरी तरह से खत्म करके ही दम लेंगे। अब एक बार फिर हिजबुल्लाह के ठिकानों पर इजरायल ने लगातार हमले करने शुरू कर दिया हैं। इजरायल ने दक्षिण लेबनान में ताड़तोड़ हमला कर हिजबुल्लाह के चीफ नसरल्लाह, उनकी मिसाइल यूनिट के कमांडर मुहम्मद अली इस्माइल और उनके डिप्टी हुसैन अहमद इस्माइल को मार गिराया है। हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि फिलहाल नहीं हुई है। वही इजरायली समाचार चैनलों के माने तो इस हमले में नसरल्लाह समेत उसकी की बेटी जैनब की भी मौत हुई है। 


हिजबुल्लाह के केंद्रीय मुख्यालय को इजरायल ने बनाया निशाना

दरअसल, लेबनान की राजधानी बेरूत में स्थित फिर बोल के मुख्यालय पर इसराइल ने हैवी गाइडेड बम से ऐसा हमला किया की उसको तेज धमक से बेरूत हिल गया और हिजबुल्लाह का मुख्यालय पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। हमला इतना भयावह था की बहुत समय तक बेरूत के आसमान में धुंआ छाया रहा। 


ईरान और हमास को भी दी चेतावनी

दरअसल, इसराइल ने यह हमला हिजबुल्लाह के चीफ नारल्लाह को मरने के लिए किया था। इस हमले में कितने लोगो की मौत हुई है फिलहाल ये तो साफ नहीं हो पाया है। वही दूसरी तरफ इजरायली PM नेतन्याहू ने पहले ही साफ कर दिया है की वो हिजबुल्लाह को पूरी तरह खत्म करके ही मानेंगे इसके लिए उन्होंने सेना को सख्त निर्देश दे रखा है। इसके साथ ही इजरायली पीएम ने साफ तौर पर ईरान को भी चेतावनी दे डाली है कि वह किसी मुलाकात में ना रहे कि उसका कोई हिस्सा इजरायल की पहुंच से बाहर है। उन्होंने हमास को भी समर्पण करने के लिए कहा है। 


गौरतलब है कि इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच जारी जंग का फिलहाल कोई अंत तो नही दिख रहा है क्योंकि जिस तरह से PM नेतन्याहू ने ये साफ किया है कि वो इस मामले में किसी की सलाह नही मानेंगे। अब यह संघर्ष इजरायल और हिज्बुल्लाह के लिए ही नही बल्कि पूरे मिडिल ईस्ट के लिए बड़ी चुनौती  बनता हुआ दिखाई दे रहा है। 
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