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"टोरंटो हिंदू मंदिर से खालिस्तानी 100 मीटर दूर रहे"- कनाडाई कोर्ट ने हिंदू मंदिर की सुरक्षा में सुनाया अहम फैसला

कनाडा के टोरंटो स्थित लक्ष्मी नारायण हिंदू मंदिर में भारतीय कांसुलर कैंप को लेकर स्थानीय कोर्ट ने खालिस्तानियों को मंदिर के 100 मीटर के दायरे से दूर रहने को कहा है। दरअसल, यह फैसला इसलिए अहम हैं क्योंकि हाल ही में कनाडा में कुछ समय पहले भी हिंदू और सिख समुदाय में विवाद हुआ था। जिसके बाद कनाडा सरकार की भारत के साथ कई अन्य देशों में कड़ी आलोचना हुई थी।
"टोरंटो हिंदू मंदिर से खालिस्तानी 100 मीटर दूर रहे"- कनाडाई कोर्ट ने हिंदू मंदिर की सुरक्षा में सुनाया अहम फैसला
कनाडा के टोरंटो स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर की सुरक्षा को लेकर कनाडाई कोर्ट ने हिंदू पक्ष के लिए एक अहम फैसला सुनाया है। यह फैसला उस वक्त सुनाया गया था। जब खालिस्तानी लोग मंदिर के आसपास प्रदर्शन कर रहे थे। कोर्ट ने खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों को सख्त चेतावनी दी है कि वह मंदिर के 100 मीटर के दायरे से दूर रहें।‌ यह आदेश 30 नवंबर 2024 को सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक लागू रहा। बता दें कि मंदिर के बाहर भारतीय कांसुलर ने अपना कैंप लगाया था। दरअसल बीते कुछ दिनों से खालिस्तानियों द्वारा मंदिर के आसपास किसी भी कार्यक्रम में प्रदर्शन करने को देखते हुए कोर्ट ने सुरक्षा के लिहाज से यह आदेश दिया था। मंदिर समिति ने टोरंटो पुलिस का भी धन्यवाद किया है। जिन्होंने सुरक्षा में सहयोग कर बड़ी भूमिका निभाई। 

टोरंटो स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर पर लगा था कैंप 


आपको बता दें कि बीते 30 नवंबर को टोरंटो स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर पर भारतीय कांसुलर कैंप का आयोजन किया गया था। मंदिर और कैंप की सुरक्षा के खातिर लक्ष्मी नारायण मंदिर हिंदू कल्चरल सोसाइटी स्कारबोरो ने बयान जारी कर बताया था कि टोरंटो ओंटारियो के सुपीरियर ने कोर्ट ऑफ जस्टिस से सुरक्षा की मांग की थी। इसके बाद कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि खालिस्तानी मंदिर के 100 मीटर के दायरे में कोई भी विरोध-प्रदर्शन नहीं कर सकते। इस कैंप में 250 बुजुर्गों को जीवन प्रमाण पत्र जारी किया गया। 

शांतिपूर्ण आयोजन के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाना बेहद दुखद 


कुछ लोग इस बात से आहत हैं कि उन्हें इस तरह के शांतिपूर्ण आयोजनों के लिए भी कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। हिंदू फोरम के एक सदस्य ने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा कि " पहले पुलिस उनका सहयोग नहीं कर रही थी। लेकिन अदालत के फैसले के बाद स्थिति ठीक हो गई। हमने अदालत से सुरक्षा मांगी। क्योंकि पुलिस हमारी रक्षा नहीं कर रही थी। फिलहाल हम पुलिस के सहयोग दिए जाने से खुश हैं। कनाडा में रह रहे एक और भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्य ने कहा कि "कैंप शांतिपूर्ण रहा। लेकिन अदालत से आदेश लेना दुखद था। हालांकि अदालत ने कार्यक्रम को लेकर अच्छा आदेश दिया। 
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