किम जोंग-उन ने सुसाइड अटैक ड्रोन के बड़े पैमाने पर उत्पादन की ज़रूरत पर दिया ज़ोर
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने सुसाइड अटैक ड्रोन के परफॉर्मेंस टेस्ट की निगरानी की। उन्होंने जल्द ही इस तरह के ड्रोन के बड़े पैमाने पर उत्पादन की ज़रूरत पर जोर दिया। यह जानकारी उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को दी।
योनहाप समाचार एजेंसी ने कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के हवाले से बताया कि किम ने गुरुवार को कई प्रकार के सुसाइड अटैक ड्रोन के परीक्षणों का जायजा लिया। इन ड्रोन को अनमैन्ड एरियल टेक्नोलॉजी कॉम्प्लेक्स से जुड़े एक संस्थान द्वारा बनाया गया।
ड्रोन का उद्देश्य जमीन और समुद्र में किसी भी दुश्मन के टारगेट पर सटीक हमला करना है
केसीएनए ने कहा, 'विभिन्न स्ट्राइकिंग रेंज में इस्तेमाल किए जाने वाले सुसाइड अटैक ड्रोन का उद्देश्य जमीन और समुद्र में किसी भी दुश्मन के टारगेट पर सटीक हमला करना है।'
किम ने पुष्टि की कि उनके देश में विभिन्न प्रकार के ड्रोन के उत्पादन और उसको प्रयोग में लाने की पूरी संभावना और क्षमता है। मॉडर्न युद्ध की जरुरत के अनुसार नए सामरिक तरीकों को जोड़ने और लागू करने की संभावना की तलाश की जाएगी।
किम ने जल्द से जल्द एक सीरियल प्रोडक्शन सिस्टम की जरुरत की बात कही और पूरे और बड़े पैमाने पर आत्मघाती ड्रोन के उत्पादन को शुरू करने पर जोर दिया।
उत्तर कोरिया ने कहा कि उसने 31 अक्टूबर को नई ह्वासोंग-19 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। उत्तर कोरिया ने मिसाइल परीक्षण अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव (5 नवंबर) से कुछ दिन पहले ही किया।
दक्षिण कोरियाई सेना का कहना था कि उसने 31 अक्टूबर सुबह करीब 7:10 बजे प्योंगयांग क्षेत्र से एक ऊंचे कोण पर दागी गई मिसाइल का पता लगाया। यह पूर्वी सागर में गिरने से पहले करीब 1,000 किलोमीटर तक उड़ी।
योनहाप समाचार एजेंसी के मुताबिक दक्षिण को रियाई सेना ने मिसाइल को एक नए ठोस ईंधन वाले आईसीबीएम के रूप में आंका।
Input: IANS