Advertisement

Modi ने अमेरिकी राष्ट्रपति को दिया गिफ्ट, चांदी की ट्रेन और पशमीना शॉल की जानिए खासियत

पीएम मोदी ने प्रेसिडेंट बाइडेन को एक एंटीक सिल्वर ट्रेन का मॉडल गिफ्ट किया ये खास इसलिए भी है क्योंकि ये उपहार भारत की शिल्प कला की मिसाल पेश करती है।इसे महाराष्ट्र के कारिगरों ने तैयार किया है। इसमें 92.5 % चांदी का इस्तेमाल किया गया है।
Modi ने अमेरिकी राष्ट्रपति को दिया गिफ्ट, चांदी की ट्रेन और पशमीना शॉल की जानिए खासियत
प्रधानमंत्री Narendra Modi अमेरिका दौरे पर हैं। PM Modi के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। पीएम मोदी को लेने खुद जो बाइडेन पहुंचे और वो हाथ पकड़कर उन्हें अपने घर ले गए। अब हम सब जानते हैं कि पीएम मोदी जब विदेश जाते हैं तो वो अपने दोस्त और अलग अलग देशों के राष्ट्राध्यक्षों के लिए खास तोहफे लेकर जाते हैं। इस बार भी जब पीएम मोदी अमेरिका गए तो वो अमेरिका के राष्ट्रपति के लिए एक बेहद खास तोहफा लेके गए। 


जिसकी तस्वीरें अब सामने आईं हैं। पीएम मोदी ने प्रेसिडेंट बाइडेन को एक एंटीक सिल्वर ट्रेन का मॉडल गिफ्ट किया ये खास इसलिए भी है क्योंकि ये उपहार भारत की शिल्प कला की मिसाल पेश करती है। इसे महाराष्ट्र के कारिगरों ने तैयार किया है। इसमें 92.5 % चांदी का इस्तेमाल किया गया है। ये गुजरे हुए वक्त और आज के समय का अद्भुत नमूना है। पारंपरिक तकनीकों का उपयोग करते हुए इसे तैयार किया गया है। इतना ही नहीं, यह मॉडल ट्रेन मॉडल भारत और अमेरिका के बीच मजबूत संबंधों को भी दर्शाता है।

इसमें मुख्य कैरिज के किनारे "DELHI - DELAWARE" और इंजन के किनारे "INDIAN RAILWAYS" को हिंदी और अंग्रेजी में अंकित किया गया है, ठीक उसी तरह जैसे भारतीय रेल की पैसेंजर ट्रेनों में लिखा होता है। पीएम ने सांसकृतिक रूप से जम्मू कश्मीर में इस्तेमाल किए जाने वाले पशमिना शॉल भी अमेरिकी राष्ट्रपति को भेंट की है। इस शॉल को खास तरीके से तैयार किया गया था। पश्मीना शॉल पेपर माचे बॉक्स में अमेरिका की फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन के लिए गिफ्ट है।असाधारण गुणवत्ता और अद्वितीय सुंदरता वाली पश्मीना शॉल जम्मू और कश्मीर से आती है। 

पश्मीना शॉल कश्मीर की शान है। लद्दाख में पाई जाने वाली चांगथांगी बकरी की खाल से इस शॉल को तैयार किया जाता है। यह शॉल बेहद मुलायम और खूबसूरत होती है, जिस पर धागे की बेहतरीन कढ़ाई देखने को मिलती है। कारीगर इन रेशों को हाथों से कातकर धागा बनाते हैं। इसके लिए वो पीढ़ियों से चली आ रही तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं। पश्मीना शॉल कई रंगों में आते हैं। इनको रंगने के लिए पेड़-पौधों और खनिजों से मिलने वाले रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। पश्मीना शॉल पीढ़ी दर पीढ़ी चलते हैं।  ये अपने साथ कई यादें और भावनाएं समेटे हुए होते हैं। अमेरिका के विलिंग्टन में  क्वाड शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने संबोधन भी दिया। पीएम मोदी ने क्वाड की उपयोगिता पर जोर देते हुए कहा कि क्वाड का एक साथ काम करना मानवता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। साथ ही पीएम ने तीसरे कार्यकाल में क्वाड समिट में शामिल होने पर खुशी जाहिर की।
Advertisement
Advertisement