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बांग्लादेश में सड़कों पर दहशत, मौलानाओं की लड़ाई में 4 की मौत

Bangladesh में हिंदुओं पर अटैक के बीच अब मौलाना समर्थकों के बीच हिंसक झड़प हो गई. जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई.
बांग्लादेश में सड़कों पर दहशत, मौलानाओं की लड़ाई में 4 की मौत
एक तरफ बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं। इस्लामी कट्टरपंथी गुट खुलेआम हिंदुओं को मारने की धमकी दे रहे हैं और तानाशाह मोहम्मद यूनुस कायरता के साथ इस क्रूरता का तमाशा देख रहे हैं। हिंदुस्तानियों के लिए इस नफरत के बीच मौलाना खुद ही लड़ मर रहे हैं बांग्लादेश की राजधानी ढाका में एक कार्यक्रम में मौलाना आपस में भिड़ गए। यहां मौलानाओं के दो गुटों में हिंसा इस कदर बढ़ गई कि 4 लोगों की मौत भी हो गई।


जरा देखिए इन तस्वीरों को ये आजाद बांग्लादेश का नया नजारा है। प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस की सरकार का जनता को हिंसक तोहफा। तभी तो यहां लोग एक दूसरे के ही खून के प्यासे हो गए। सड़कों पर उतरे सैकड़ों लोग दहशत फैला रहे हैं। दरअसल, मामला ढाका के टोंगी क़स्बे का है यहां जमात का एक कार्यक्रम था। इस दौरान एक तरफ़ थे मौलाना साद और दूसरी ओर थे मौलाना ज़ुबैर। टोंगी मैदान में मौलाना साद के समर्थक इज्तिमा कार्यक्रम करना चाहते थे।लेकिन मौलाना ज़ुबैर के समर्थकों ने इसका विरोध किया। इसी को लेकर बात इतनी बढ़ गई कि दोनों के समर्थकों के बीच हिंसक झड़प हो गई। हिंसा के बाद इलाक़े में धारा 144 लागू की गई। 

दरअसल, मौलाना साद और मौलाना ज़ुबैर के बीच लड़ाई नई नहीं है। जिस इत्जिमा कार्यक्रम को लेकर दोनों के बीच लड़ाई शुरू हुई वो कार्यक्रम दो चरणों में होता है पहले ज़ुबैर समर्थक इसका आयोजन करते हैं फिर मौलाना साद के समर्थकों की ओर से ये किया जाता है। ज़ुबैर समर्थक चाहते हैं कि वो एक ही चरण में किया जाए। वहीं लड़ाई ये भी है कि मौलाना साद का कनेक्शन भारत से है वे भारतीय मुस्लिम स्कॉलर और प्रचारक हैं। साल 2017 में उन्हें भारत के साथ बांग्लादेश टोंगी इज्तिमा का प्रमुख चुना गया था। तब से ही जुबैर और सादपंथियों यानी मौलाना साद के समर्थकों के बीच लड़ाई जारी है। ज़ुबैर समर्थकों ने तो मौलाना साद पर भारतीय एजेंट होने का भी आरोप लगाया।

राजधानी ढाका में पिछले कई दिनों से हालात इसी तरह बेकाबू हैं शांति के लिए नोबेल जीतने वाले मोहम्मद यूनुस कुछ इस तरह अपने देश में शांति क़ायम कर पा रहे हैं।पहले हिंदुओं पर लगातार हमले और अब कट्टरपंथ की आग में मौलाना आपस में ही भिड़ गए। 
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