पीएम मोदी ने थाई पीएम को दिया ऐसा तोहफा, जो पूरी दुनिया में बना चर्चा का विषय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की थाईलैंड यात्रा केवल कूटनीतिक मीटिंग्स तक सीमित नहीं रही, बल्कि इस बार उन्होंने भारतीय संस्कृति की खुशबू भी वहां तक पहुंचाई। थाई प्रधानमंत्री और उनके जीवनसाथी को दिए गए अनोखे तोहफों में डोकरा कला से बनी मोर नौका, बुद्ध की प्रतिमा, मीनाकारी वाले कफ़लिंक्स और वाराणसी की ब्रोकेड सिल्क शॉल जैसी अनमोल कलाकृतियाँ शामिल थीं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया बैंकॉक यात्रा के दौरान भारत की सांस्कृतिक विरासत और कारीगरी की झलक उपहारों के ज़रिए देखने को मिली। उन्होंने थाईलैंड के प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा, उनके जीवनसाथी, थाई सम्राट और रानी समेत कई प्रमुख व्यक्तियों को भारत के विभिन्न हिस्सों की पारंपरिक कलाओं से बने उपहार भेंट किए।
थाई प्रधानमंत्री को डोकरा कला की मोर नौका
प्रधानमंत्री मोदी ने थाई प्रधानमंत्री को छत्तीसगढ़ की पारंपरिक डोकरा कला में बनी मोर नौका भेंट की। पीतल से बनी यह नौका ‘लॉस्ट-वैक्स कास्टिंग’ तकनीक से तैयार की गई है। इसका हर हिस्सा हाथ से बनाया गया है, जिससे यह पूरी तरह अद्वितीय बनती है। मोर के आकार की यह नाव, उस पर बैठा आदिवासी और रंगीन लाह की सजावट—सब मिलकर मानवीय जीवन और प्रकृति के बीच तालमेल का प्रतीक पेश करते हैं।
थाई प्रधानमंत्री के जीवनसाथी को प्रधानमंत्री मोदी ने मोती जड़े, सोने से मढ़े टाइगर मोटिफ कफ़लिंक्स दिए। इन पर राजस्थान और गुजरात की पारंपरिक मीनाकारी का बारीक काम किया गया है। बाघ की आकृति साहस और नेतृत्व का प्रतीक है, जबकि मोतियों की सीमा और इनैमल की चमक इन कफ़लिंक्स को एक खास पहचान देती है।
थाई सम्राट को सारनाथ बुद्ध प्रतिमा
थाईलैंड के राजा महा वजीरालोंगकोर्न को सारनाथ शैली की ध्यानमुद्रा में बुद्ध प्रतिमा भेंट की गई। यह प्रतिमा बिहार की पारंपरिक गुप्त और पाल कला परंपराओं से प्रेरित है। पीतल से बनी इस प्रतिमा में पद्मासन में बैठे बुद्ध के पीछे प्रभामंडल में देव आकृतियाँ और पुष्प डिज़ाइन उकेरे गए हैं, जो आध्यात्मिकता और शांति का संदेश देते हैं।
थाई रानी को वाराणसी की ब्रोकेड सिल्क शॉल
थाई रानी सुथिदा को मोदी ने बनारसी ब्रोकेड सिल्क शॉल भेंट की, जिसमें भारतीय लघु चित्रकला और पिछवाई कला से प्रेरित डिज़ाइन हैं। शॉल पर गाँव के जीवन, पर्व और प्रकृति की झलक मिलती है। यह भारतीय वस्त्रकला की समृद्ध परंपरा का उत्कृष्ट उदाहरण है। इसी के साथ पूर्व थाई प्रधानमंत्री थक्सिन शिनावात्रा को मोर और दीये से सजी पीतल की उरली भेंट की गई। यह पात्र पारंपरिक भारतीय अनुष्ठानों में उपयोग होता है और प्रकाश व आध्यात्मिकता का प्रतीक माना जाता है। इसकी नक्काशी आंध्र प्रदेश की धातु कला की समृद्ध विरासत को दर्शाती है।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भेंट किए गए ये उपहार केवल शिष्टाचार नहीं थे, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विविधता, कारीगरी और परंपरा को दर्शाने वाले जीवंत प्रतीक हैं। ये उपहार भारत-थाईलैंड संबंधों को सांस्कृतिक आधार पर और मजबूत करते हैं। यह पहल 'मेक इन इंडिया' और ‘वोकल फॉर लोकल’ जैसे अभियानों को भी वैश्विक मंच पर बढ़ावा देती है, जिससे भारतीय कारीगरों को नई पहचान और प्रोत्साहन मिलता है।