Donald Trump के एक्शन की तैयारी शुरू, इन सैन्य अधिकारियों पर गिरेगी गाज | जानें कौन-कौन है रडार पर
अमेरिका के अगले नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फुल एक्शन मोड में हैं। कैबिनेट का गठन करने के साथ उन्होंने अपनी हिटलिस्ट भी तैयार कर ली है। जिन पर गाज गिरना तय माना जा रहा है। इस लिस्ट में अमेरिका के कई बड़े सैन्य अधिकारी भी शामिल है। जिन्हें बर्खास्त किया जाना है। खबरों के मुताबिक रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास जंग के बीच ट्रंप की ट्रांजिशन टीम ने यह लिस्ट तैयार की है।
कई सैन्य अधिकारियों के साथ 2 ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ भी होंगे बर्खास्त
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार-प्रसार के दौरान कहा था कि साल 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी फौजों की रवानगी के लिए जिम्मेदार सभी अधिकारियों को बर्खास्त करेंगे। इनमें 1 ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के पूर्व चेयरमैन और 1 ज्वाइंट ऑफ चीफ स्टाफ के मौजूदा चेयरमैन एयरफोर्स जनरल सीक्यू ब्राउन का बर्खास्त शामिल हैं। बता दें कि साल 2020 में ब्राउन पर मिनेपोलिस में एक पुलिस अधिकारी द्वारा जॉर्ज फ्लॉयड नाम के शख्स की हत्या के बाद वीडियो संदेश जारी करने का आरोप है। ब्राउन लंबे समय से अमेरिकी सेना में समानता के समर्थक रहे हैं। ट्रंप के 2.0 कार्यकाल में सारा फोकस सैन्य अधिकारियों पर होगा। इनमें ट्रंप के पहले कार्यकाल में शामिल रहे। मार्क मिली का नाम सबसे पहले है। दरअसल, मार्क मिली ने पिछले महीने बॉब वुडवर्ड किताब War में ट्रंप को फासीवादी बताया था।
ट्रंप के विरोधी मार्क मिली द्वारा पेंटागन में की गई हर नियुक्ति पर गिरेगी गाज
मार्क ने कहा था कि ट्रंप के अधिकारियों ने उन पर ट्रंप से मनगढ़ंत बेईमानी का आरोप लगाया था। खबरों के मुताबिक मार्क ने पेंटागन में जिन-जिन लोगों की नियुक्ति की है। उन सभी पर गाज गिरना तय है। ट्रंप ने मार्क को लेकर कहा था कि इन पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।
आखिर किन-किन लोगों पर गिरेगी गाज
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सबसे बड़े विरोधी मार्क के करीबियों की हिटलिस्ट तैयार कर ली है। इस लिस्ट में शामिल सभी लोगों पर गाज गिरेगी। इनमें अमेरिकी जनरल और कई सैन्य अधिकारी जो उनके आलोचक रहे हैं। वह भी शामिल है। इसके साथ ट्रंप जिन्हें योग्य नहीं समझते। वह लोग भी बर्खास्त किए जाएंगे। अमेरिकी रक्षा विभाग के हेड क्वार्टर पेंटागन में कुछ मौजूदा और पूर्व अधिकारी भी ट्रंप के निशाने पर है। वहीं जिन अधिकारियों की बर्खास्तगी टल सकती है। उनमें सभी को वफादारी टेस्ट से गुजरना पड़ सकता है।