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तो इसलिए बांग्लादेश के ख़िलाफ़ कोई कदम नहीं उठा रहे Modi ? कारण जान लीजिये

बांग्लादेश में जिस तरह से हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है, घर में घुस घुसकर हिंदुओं को यातनाएं दी जा रही हैं, उसे लेकर मोदी सरकार की तरफ़ हर हिंदू आस लगाये बैठा है, लेकिन सरकार की तरफ़ से कोई एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा है ? आइये इस रिपोर्ट में विस्तार से समझिये।
तो इसलिए बांग्लादेश के ख़िलाफ़ कोई कदम नहीं उठा रहे Modi ? कारण जान लीजिये
5 अगस्त 2024 का दिन बांग्लादेश के इतिहास में दर्ज हो गया। इससे बुरा बांग्लादेशियों के और क्या हो सकता था कि जिस शेख़ हसीना को उन्होंने बतौर PM चुना था उन्हीं की सरकार गिर गई। तख्तापलट ऐसा हुआ कि शेख़ हसीना की जान के लाले पड़ गये, लिहाज़ा उन्हें अपने ही देश से मुंह छिपाकर भागना पड़ा। बांग्लादेश एक बार फिर जब अपने सबसे बुरे दौर में आया तो उसकी मदद करने के लिए भारत ही आगे आया और शेख़ हसीना को सकुशल वहां से निकालकर भारत लाया गया। शेख़ हसीना बार बार ये ऐलान कर रही हैं कि वो फिर से अपने देश एक ना एक दिन ज़रूर लौटेंगी ? लेकिन कैसे ये समझना थोड़ा सा मुश्किल है क्यों शेख़ हसीना के ऊपर कई मुकदमे दर्ज किये जा चुके हैं, उनके ख़िलाफ़ तो ऐसा माहौल बांग्लादेश में तैयार कर दिया गया है कि अगर वो वापस जाती भी हैं तो सीधा जेल जाएंगी।


बहरहाल, बांग्लादेश में सियासी उठापटक के बीच चर्चा उन मासूम हिंदुओं की भी हो रही है जो बिना बात ही इस हिंसा की आग में जलने के लिए मजबूर हैं। जो बिना बात ही इस हिंसा में मारे जा रहे हैं। जिनको ये भी नहीं पता कि वो कल का सूरज देख भी पाएंगे या नहीं ? बहन बेटियों को इज़्ज़त बचा पाना मुश्किल भरा हो रहा है। ऐसे में दुनिया के देशों की नज़र अगर किसी पर हैं तो वो भारत पर हैं। दुनिया के देश ही नहीं ख़ुद भारतवासी भी मोदी सरकार की तरफ़ टकटकी लगा कर देख रहे हैं। 

हालात ऐसे हो गये हैं कि ममता बनर्जी जैसे विरोधी भी मोदी सरकार से अपील कर रहे हैं कि वो UN के सामने प्रस्ताव रखे और सेना उतार दी जाए। आचार्य प्रमोद जैसे नेता कह रहे हैं कि पाकिस्तान की तरह से अब बांग्लादेश पर भी सर्जिकल स्ट्राइक कर दी जाए। हमेशा अलग अलग मत रखने वाले नेता भी मोदी सरकार के साथ इस मुद्दे पर खड़े हो रहे हैं, लेकिन सरकार चुप है। ऐसे में मोदी विरोधी कट्टरपंथियों को भी मौक़ा मिल गया है सरकार को घेरने का ? 

आप देख रहे होंगे कि पिछले काफ़ी वक़्त से इस मुद्दे को बहुत हवा दी जा रही है कि आख़िर मोदी सरकार बांग्लादेश के मुद्दे पर कोई एक्शन क्यों नहीं ले रही है ? हिंदुओं की हितैषी बनने वाली इस सरकार का बांग्लादेश पर ऐसा रवैया क्यों है ? अगर आपके ज़हन में भी ये सवाल है ना ? तो इसका कारण आज हम आपको बताएंगे और यक़ीं मानिये कारण जान आप भी दंग रह जाएंगे।

दअसल भारत जिस तेज़ी से आगे बढ़ रहा है उसे लेकर चीन पाकिस्तान जैसे दुनिया के कई देशों में खलबली मची हुई है। फिर Deepstates तो काम पर लगा ही है। सोरोस जैसे लोग, ISIS जैसे आतंकी संगठन भी इस फिराक में है कि भारत बस एक कदम बांग्लादेश के ख़िलाफ़ उठा ले बस फिर तो हम मातम मनाने के लिए सड़कों पर उतर ही जाएंगे। यक़ीं मानिये भारत के ख़िलाफ़ इसे लेकर भी इतनी बड़ी साज़िश रची जा रही है जिसे देखकर सुनकर जानकर आपके होश उड़ जाएंगे।

यही ख़तरनाक Experiment रूस के साथ पहले ही किया जा चुका है। स्मार्ट पुतिन भी इसके शिकार हो गये लेकिन मोदी इस चाल में फँसने वाले नहीं है। इसे समझने के लिए आपको थोड़ा पीछे के सालों में चलना होगा। साल 2019 में यूक्रेन के राष्ट्रपति Petro Poroshenko रूस के साथ अपने रिश्ते कभी भी ख़राब नहीं करना चाहते थे।यही बात अमेरिकी डीपस्टेट को बहुत चुभती थी, उनके लिए ऐसी साज़िश रची गई कि फिर देशद्रोही बताकर उन्हें सत्ता से बेदख़ल करवाया गया, फिर एक कॉमेडियन जेलेंस्की को देश की सत्ता पर क़ाबिज़ कराया गया। 

जेलेंस्की को बार बार NATO में शामिल होने का लालच दिया गया। इसी दिशा में यूक्रेन कदम आगे बढाने जिससे की रूप भड़क गया। बस फिर क्या गुस्साये रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया। जिस कदम का इंतज़ार NATO देश कर रहे थे वही हुआ। पुतिन के इस कदम के बाद तो पूरी दुनिया में क्या हुआ और तबसे लेकर अबतक क्या क्या हो रहा है वो हम सब देख ही रहे हैं। सोचिये यूक्रेन NATO का सदस्य तो नहीं बन पाया लेकिन तभी से वो जंग में जरुर धकेला जा चुका है। अब तो रूस भी इस ज़ंग से नहीं निकल पा रहा, इसका सीधा असर रूस की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है।

अब ठीक उसी तरह नरेंद्र मोदी से बांग्लादेश के खिलाफ कदम उठवाये जाने की कोशिश की जा रही है, माना जा रहा है बस एक फ़ैसला ले लें मोदी और फिर देखो क्या होता है ? बांग्लादेश में भी शेख़ हसीना को हटवाकर मोहम्मद यूनूस को लाया गया है, हिंदुओं पर लगातार अत्याचार हो रहा है जिससे भारत भड़क सकता है और पुतिन वाली गलती कर सकता है।

लेकिन मोदी ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि वो इन देशों के अध्यक्षों से कहीं ज़्यादा होशियार हैं। वो जानते हैं कि एक बार ट्रंप शपथ लें ले फिर डीपस्टेट का ख़ात्मा हो जाएगा और फिर वो कोई एक्शन ले सकते हैं, कुछ ही दिन की बात है। इसीलिए मोदी बांग्लादेश के ख़िलाफ़ कोई भी कदम उठाने से फ़िलहाल बच रहे हैं। तो जिन लोगों को लग रहा है कि पीएम कोई कदम क्यों नहीं उठा रहे हैं, उम्मीद है उन्हें समझ आ गया होगा। 

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