Advertisement

अंतरिक्ष में 9 महीने रहकर सुनीता विलियम्स ने बनाया विश्व रिकॉर्ड

भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। उन्हें केवल 8 दिनों के लिए अंतरिक्ष मिशन पर जाना था, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण 9 महीने तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर रहना पड़ा।
अंतरिक्ष में 9 महीने रहकर सुनीता विलियम्स ने बनाया विश्व रिकॉर्ड
नासा की भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स एक बार फिर इतिहास रचने के बाद धरती पर लौट आई हैं। लेकिन उनकी यह यात्रा आसान नहीं थी। एक साधारण 8 दिन का मिशन अचानक 9 महीने का बन गया, और इस दौरान उन्होंने ऐसे कीर्तिमान स्थापित किए जो हमेशा के लिए अंतरिक्ष विज्ञान के इतिहास में दर्ज हो गए। उनकी यह उपलब्धि न केवल अमेरिका बल्कि भारत के लिए भी गर्व का विषय बन गई है।

5 जून 2024 को नासा के अंतरिक्ष यात्री बुच विलमोर के साथ सुनीता विलियम्स ने बोइंग स्टारलाइनर के जरिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरी। यह मिशन केवल आठ दिनों का था, लेकिन तकनीकी खराबी ने योजना बदल दी। स्टारलाइनर में आई तकनीकी समस्या के कारण नासा ने इसे तुरंत पृथ्वी पर वापस लाने के बजाय, विलियम्स और उनकी टीम को ISS पर ही रुकने का निर्णय लिया।

इस दौरान वे एक्सपीडिशन 71/72 अभियान का हिस्सा बनीं और वैज्ञानिक रिसर्च में महत्वपूर्ण योगदान दिया। नासा के अनुसार, उन्होंने 4500 से अधिक कक्षाएं पूरी कीं और अंतरिक्ष में 121 मिलियन मील से अधिक की यात्रा की। उनकी यह यात्रा वैज्ञानिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण रही।
स्पेसवॉक कर बनाया रिकॉर्ड
सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में अपने इस कार्यकाल के दौरान कई असाधारण उपलब्धियां हासिल कीं। उन्होंने कुल 50 घंटे 40 मिनट तक स्पेसवॉक किया, जो कि किसी भी महिला अंतरिक्ष यात्री के लिए एक नया कीर्तिमान है। उनके द्वारा किए गए ये स्पेसवॉक वैज्ञानिक प्रयोगों, तकनीकी मरम्मत और नए परीक्षणों के लिए थे, जिससे भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों में सहायता मिलेगी।

इसके अलावा, ISS पर रहते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोग किए, जिनमें जैव चिकित्सा अनुसंधान, पर्यावरण अध्ययन और तकनीकी परीक्षण शामिल हैं। उनके योगदान को देखते हुए अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में उन्हें एक बार फिर नायक की तरह सराहा जा रहा है।

पहले भी बना चुकी हैं रिकॉर्ड

यह पहली बार नहीं है जब सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में इतिहास रचा है। साल 2006 में STS-116 मिशन के दौरान वे पहली बार ISS पहुंची थीं और चार स्पेसवॉक कर 29 घंटे 17 मिनट का रिकॉर्ड बनाया था। इसके बाद, 2012 में भी वे एक मिशन के तहत ISS पर 127 दिनों तक रही थीं, जहां उन्होंने महत्वपूर्ण तकनीकी सुधार और मरम्मत के कार्य किए थे। इस बार 2024 में, वे अपने तीसरे बड़े मिशन पर गईं और नासा के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ दिया।

अब जब सुनीता विलियम्स सफलतापूर्वक धरती पर लौट आई हैं, नासा ने उनके लिए एक 45-दिवसीय पोस्ट-मिशन पुनर्वास कार्यक्रम तैयार किया है। इस दौरान उनका शरीर धीरे-धीरे पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल होगा। वैज्ञानिकों के अनुसार, लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने से हड्डियों की मजबूती और मांसपेशियों पर प्रभाव पड़ता है, इसलिए उनकी रिकवरी प्रक्रिया पर खास ध्यान दिया जाएगा।

इस उपलब्धि के बाद, दुनिया भर के वैज्ञानिक और अंतरिक्ष प्रेमी उनकी हिम्मत और समर्पण को सलाम कर रहे हैं। उनकी यह यात्रा न केवल अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेगी। सुनीता विलियम्स का नाम इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा, और उनकी उपलब्धियां दुनिया को अंतरिक्ष की अनंत संभावनाओं की ओर देखने के लिए प्रेरित करेंगी।

Advertisement

Related articles

Advertisement