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नसरल्लाह के ठिकाने लगने का पूरा सच, इज़रायल ने महिनों की मेहनत के बाद दिया ऑपरेशन को अंजाम

इजरायल के घातक हमलों में नसरल्लाह की मौत के बाद लेबनान से लेकर ईरान तक में मातम मनाया जा रहा है। इज़रायल को इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए महिनों का वक़्त लगा और इसके बाद ज़मीन के नीचे छिपे बैठे नसरल्लाह को ज़मीन में ही मिला दिया।
नसरल्लाह के ठिकाने लगने का पूरा सच, इज़रायल ने महिनों की मेहनत के बाद दिया ऑपरेशन को अंजाम
लेबनान में हिज़्बुल्लाह को निशाना बनाकर उसके चीफ़ Hassan Nasrallah को मारकर इज़रायल ने कमर तोड़ने का काम किया है। नसरल्लाह की मौत के बाद लेबनान से लेकर ईरान तक में मातम मनाया जा रहा है। यहीं नहीं भारत में भी कुछ लोग ऐसे हैं जो नसरल्लाह की मौत से दुखीं है। उधर हिज़्बुल्लाह ने अपने नए प्रमुख का ऐलान कर दिया है। हाशिम सफीद्दीन अब उनकी जगह लेंगे। सफीद्दीन की गिनती नसरल्लाह और नईम कासिम के साथ हिज्बुल्लाह के टॉप थ्री नेताओं में होती थी। सफीद्दीन को साल 2017 में संयुक्त राज्य अमेरिका ने आतंवादी घोषित किया गया था। वह हिज्बुल्लाह के राजनीतिक मामलों की देखरेख करता है और समूह की जिहाद परिषद का सदस्य है।


लेकिन ये जानना भी बेहद दिलचस्प है कि इज़रायल ने इस पूरे ऑपरेशन को कैसे अंजाम दिया इज़रायल को कैसे पता चला की नसरल्लाह कहां छिपा था 

बताया जा रहा है कि इजरायल ने यह हमला लेबनान पर उस समय किया गया जब नसरल्लाह और ईरान समर्थित समूह के कई अन्य नेता लेबनान की राजधानी बेरूत में एक बंकर में जमा हुए थे। वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार जिस बंकर में ये नेता जमा हुए थे, वह दक्षिण बेरूत के व्यस्त इलाके में जमीन से 60 फीट नीचे था। रिपोर्ट के अनुसार नसरल्लाह सहित यहां सभी नेता इजरायल के खिलाफ कार्रवाई की प्लानिंग बना रहे थे। बीते कुछ सालों ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी शहर के प्रमुख केंद्र पर इस तरह की बमबारी की गई हो। यहां हमला करने के लिए इजरायल ने लगभग 80 टन बम का इस्तेमाल किया गया, जिससे यह क्षेत्र पूरी तरह से तबाह हो गया।

इस हमले के बाद इजरायल रक्षा बल (आईडीएफ) के जनरल स्टाफ के प्रमुख हर्जजी हलेवी ने कहा "हमने सटीक हमला किया, जिसमें हिज्बुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह को मार गिराया गया।  यह हमला बेरूत के बीच शहर में स्थित जमीन के नीचे हिज्बुल्लाह के मुख्यालय में हुआ, जिसमें आतंकवादी संगठन के अन्य नेता भी शामिल थे" 

इजरायल की सेना के मुताबिक इस हमले में हिजबुल्लाह के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और मिसाइलों का जखीरा भी नष्ट हो गया। इजरायल की सेना ने बताया कि उन्हें ये प्लानिंग करने में महीनों लग गए थे।

द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक नसरल्लाह को मारने की प्लानिंग में इजरायल की खुफिया एजेंसियों की बहुत बड़ी भूमिका है। साल 2006 में हिज्बुल्लाह और इजरायल के बीच एक महीने तक युद्ध हुआ था। इसके बाद इजरायली खुफिया एजेंसी ने हिज्बुल्लाह के संचार को तबाह किया और उसके कमांडरों पर नजर बनाए रखी, जिसके बाद आखिरकार इजरायल नसरल्लाह की हत्या करने में कामयाब रहा।

साल 2011 में नसरल्लाह ने बेरूत के दक्षिणी इलाके में एक धार्मिक जुलूस को संबोधित किया था। इस जुलूस को हिज्बुल्लाह चीफ ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया था। साल 2014 में नसरल्लाह ने एक इंटरव्यू दिया था। इसमें उसने कहा था, 'इजरायली इस बात को आगे बढ़ा रहे हैं कि मैं लोगों से बहुत दूर रहता हूं। मैं उनसे बात नहीं करता।' यह पूछे जाने पर कि क्या वह किसी बंकर में रहते हैं? इस पर हिज्बुल्लाह चीफ ने कहा कि उनके सोने की जगह बदलती रहती है। लेकिन बंकर में रहने की बात से इनकार किया इज़रायल को ये तो पता लगा की नसरल्लाह की लोकेशन लगातार बदलती रहती है तो महीनों तक उसकी सारी गतिविधी को ट्रेस किया गया और फिर आखिकार उसे ठिकाने लगाया गया। सिफ़र हिज़्बुल्लाह चीफ़ ही नहीं इज़रायल के दावे के मुताबिक़ अब तक हिजबुल्लाह के 10 कमांडर मारे गए हैं। और अभी भी लेबनान पर इज़रायल के हमले रूके नहीं हैं।

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