नेपाल की जेलों में बंद हैं हज़ारों भारतीय कैदी ! नहीं मिलती है जमानत ! इस तरह के लगे हैं गंभीर आरोप
अगर आप जानना चाहते हैं कि दुनिया के किसी भी देश में सबसे ज्यादा भारतीय कैदी किस देश में कैद हैं ? तो आपको बता दें कि नेपाल में सबसे ज्यादा भारतीय कैदी बंद हैं। इनमें कुल 1,222 कैदी शामिल हैं। इस संख्या में 300 महिलाएं भी शामिल हैं। लेकिन इतनी संख्या में बंद इन भारतीय कैदियों पर कौन से गंभीर आरोप लगे हैं।
आज की स्टोरी में हम आपको एक ऐसा दिलचस्प किस्सा बताने जा रहे हैं। जो नेपाल के कई जेलों में बंद भारतीय कैदियों से जुड़ा है। इसमें कमाल की बात यह है यह कैदी अपनी जमानत याचिका भी नहीं लगा सकते और यहां जमानत मिलना बहुत मुश्किल होता हैं। एक तरीके से कहे तो यहां की जेलों में बंद होने का मतलब आजीवन कारावास है। वहीं अगर आप गूगल पर भी सर्च करते हैं कि सबसे ज्यादा भारतीय किस देश की जेलों में बंद है ? तो गूगल का जवाब होगा नेपाल। जी हां बिल्कुल सही सुना आपने पड़ोसी मुल्क नेपाल में की जेलों में सबसे ज्यादा भारतीय कैदी बंद हैं। इनमें महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल है। वहीं दूसरे नंबर की बात की जाए। तो सबसे ज्यादा भारतीय कतर के जेलों में बंद है। नेपाल का कानून विदेशी नागरिकों के लिए काफी कड़े है। यही वजह है की सबसे ज्यादा भारतीय नेपाल की जेलों में कैद है। इसकी कई बड़ी वजहें भी हैं। अब ऐसे में अगर आप यह जानना चाह रहे हैं कि आखिर किन वजहों से यह सभी भारतीय यहां के जेलों में बंद है। तो इसके लिए आप यह पूरी स्टोरी पढ़िए।
आखिर कितने भारतीय कैदी नेपाल की जेलों में बंद है ?
बता दें कि भारत सरकार ने खुद इन कैदियों को लेकर जवाब दिया था कि नेपाल के जेलों में सबसे ज्यादा भारतीय कैदी बंद है। इनमें कैदियों की कुल संख्या 1,222 है। इनमें 300 महिला कैदी भी शामिल है। वहीं आपको यह भी बता दें कि भारतीय जेलों की तुलना में नेपाल के जेलों की हालत काफी ज्यादा खराब है।
किस तरह के अपराध लगे हैं इन भारतीय कैदियों पर
भारत और नेपाल में आने जाने के लिए किसी भी तरह के डॉक्यूमेंट की जरूरत नहीं होती है। दोनों देशों के बॉर्डर से कोई भी भारतीय या नेपाली इधर-उधर आ और जा सकता है। यही वजह है कि ज्यादातर भारतीय अपराधी कोई भी अपराध कर नेपाल की सीमा में घुस जाते हैं। हालांकि भारत की पुलिस या कोई सुरक्षा एजेंसी नेपाल पुलिस के सहयोग से देश से भागे अपराधी को गिरफ्तार करने में सफल रहती है। लेकिन कई मामलों में अपराधी फरार हो जाता है। वही सबसे ज्यादा जो अपराधी इन जेलों में बंद है। उन पर नशीली दवाओं से संबंधित गंभीर आरोप हैं। इसके साथ डकैती और हत्या जैसे गंभीर मामलों के भी कैदी इन जेलों में कैद है। दरअसल नेपाल की कानून व्यवस्था में अपराधी को लंबे समय तक जेल में कैद करने का कानून है। अधिकतर विदेशी नागरिकों को यहां जमानत बहुत कम ही मिल पाती है। साल 2021 और 22 में वित्तीय आंकड़ों के मुताबिक कुल 31 भारतीय कैदियों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें 27 पर नकली मुद्रा,सीमा शुल्क चोरी और मादक पदार्थों की तस्करी करने के गंभीर आरोप है। वहीं मानव तस्करी मामले में भी 8 भारतीयों को गिरफ्तार किया गया। नागरिकता हासिल करने के आरोप में 10 भारतीयों को गिरफ्तार किया गया।
क्या नेपाल के जेलों में कोई नामी भारतीय कैदी बंद है ?
भारत में बम विस्फोट का आरोपी यासीन भटकल साल 2013 में नेपाल-भारत सीमा पर गिरफ्तार हुआ था। जिसे गिरफ्तारी के बाद भारत को सौंप दिया गया था। वहीं साल 1993 मुंबई बम विस्फोट का आरोपी बम निर्माता सैयद अब्दुल करीम टुंडा भी इसी साल गिरफ्तार हुआ था। फिलहाल वह भारतीय जेल में बंद है। लेकिन वर्तमान की बात की जाए। तो कोई बड़ा नामी कैदी नेपाल की जेलों में बंद नहीं है।
आखिर विदेशी नागरिकों को क्यों नहीं मिल पाती जमानत ?
नेपाल का कानून काफी सख्त है। खासतौर से विदेशी अपराधियों के लिए इस तरह की धारणा के आधार पर जमानत नहीं मिल पाती है। कि वह कही फरार न हो जाए। यही वजह है कि इन्हें लंबे समय तक जेलों में रखा जाता है। किसी हाई प्रोफाइल कैदी को सख्त कानूनी प्रावधानों के आधार पर सीमित विकल्पों की वजह से जमानत मिलने की बहुत कम संभावना होती है।
नेपाल की जेलों में विदेशी कैदियों को किस प्रकार मिलती है सुविधाएं
विदेशी कैदियों के लिए नेपाल की जेलों में हालत काफी ज्यादा खराब है। ऐसा कहा जाता है कि विदेशी कैदियों को अमानीय बताया जाता है। यहां की जेलों में उपलब्ध कैदियों की संख्या से कई गुना ज्यादा कैदियों को कैद कर के रखा जाता है। विदेशी कैदियों को भोजन और कई बुनियादी सुविधाएं भी मिलती हैं। जहां भारत में कैदियों को रोज 45 रूपये मिलते हैं। तो वहीं नेपाल की जेलों में कैद कैदियों को रोजाना 29 रूपये मिलते हैं। प्रतिदिन कैदियों को 700 ग्राम भोजन मिलता है। भारतीय कैदियों को रोजाना 63 रुपए का भोजन दोनों समय के लिए दिया जाता है। नेपाल की जेलों में नहाने और शौचालयों की हालात बद से बदतर है। स्वास्थ्य सेवा से लेकर पानी की भी खराब व्यवस्था रहती है। वही लोकल कैदियों के द्वारा विदेशी कैदियों के प्रति व्यवहार काफी खराब रहता है।