ट्रंप ने बंद किए आसान रास्ते, अब शादी से भी नहीं मिलेगा अमेरिकी ग्रीन कार्ड!
अब अमेरिका में शादी करने के बाद भी ग्रीन कार्ड हासिल करना किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है। हर जोड़े को अपने रिश्ते के हर पहलू का प्रमाण देना होगा — चैट्स, कॉल रिकॉर्ड, तस्वीरें, साथ में बिताया समय, यहां तक कि प्राइवेट सवालों के जवाब भी देने होंगे।

न्यूयॉर्क से लेकर नई दिल्ली तक, एक खबर ने भारतीयों की नींद उड़ा दी है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने पुराने तेवर में वापसी की है। लेकिन इस बार मामला कुछ ज्यादा ही गंभीर है। खासकर उन भारतीयों के लिए जो अमेरिका जाने का सपना शादी के ज़रिये देखते हैं। ट्रंप प्रशासन ने इमिग्रेशन नियमों में ऐसा बदलाव किया है कि अब अमेरिकी नागरिक से शादी करने के बाद भी ग्रीन कार्ड पाना किसी 'अग्निपरीक्षा' से कम नहीं होगा।
शादी मतलब सीधे अमेरिका की उड़ान
पहले जब कोई भारतीय लड़की या लड़का किसी अमेरिकी नागरिक से शादी करता था, तो ये समझा जाता था कि अब अमेरिका में बसना लगभग तय है। इंटरव्यू की प्रक्रिया होती थी लेकिन बाइडन सरकार ने इसे थोड़ा आसान और मानवीय बना दिया था। अब ट्रंप के नए फैसलों से यह प्रक्रिया फिर से कठोर और डरावनी बन गई है।
इंटरव्यू अब महज एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक गहरी छानबीन की प्रक्रिया बन चुकी है। ऐसा लगने लगा है मानो शादी करना अब किसी अपराध की सफाई देने जैसा हो गया हो। अब हर सवाल का जवाब चाहिए वो भी साक्ष्यों के साथ।
क्या है ट्रंप की नई नीति?
डोनाल्ड ट्रंप का मानना है कि बहुत से लोग शादी का "दुरुपयोग" करके अमेरिका में स्थायी निवास (ग्रीन कार्ड) पा लेते हैं। इसलिए अब उनकी सरकार ने तय किया है कि हर शादी को शक की निगाह से देखा जाएगा — चाहे वह असली हो या नकली। इसी सोच के तहत ट्रंप प्रशासन ने निर्देश दिए हैं कि अब शादी के बाद होने वाले इमिग्रेशन इंटरव्यूज में अधिक सख्ती बरती जाए। अब इंटरव्यू में सिर्फ फोटो या मैसेज दिखा देना काफी नहीं होगा।
अब "सबूत" का मतलब है, तो हम आपको बता दें कि आपके रिश्ते की शुरुआत कब हुई, एक-दूसरे को कैसे जानते हैं, कब और कैसे मिले, परिवार की सहमति कैसे मिली, शादी की योजना कैसे बनी, साथ रह रहे हैं या नहीं, एक-दूसरे की निजी आदतों की जानकारी, और यहां तक कि बाथरूम में खिड़कियों की संख्या तक बतानी पड़ सकती है।
‘प्रेम परीक्षा’ में पूछे जाएंगे बेहद निजी सवाल
ट्रंप प्रशासन के तहत अब जोड़े को अलग-अलग बिठाकर सवाल पूछे जाएंगे। अफसर यह जांचना चाहेंगे कि दोनों के जवाब मेल खाते हैं या नहीं। सवाल बेहद निजी और चौंकाने वाले हो सकते हैं जैसे सुबह सबसे पहले कौन उठता है? पार्टनर को खाने में क्या पसंद नहीं? आप दोनों एक बिस्तर पर किस तरफ सोते हैं? बाथरूम में कितनी खिड़कियां हैं?
आखिरी बार बाहर खाना खाने कब गए थे? ये सवाल मज़ाक नहीं हैं, ये अब अमेरिका का नया ‘सच’ हैं।
इमिग्रेशन वकील स्नेहल बत्रा बताती हैं कि अब शादी का इरादा या प्यार की गहराई सिर्फ कह देने से नहीं चलेगा। "हर एक बात को कागज पर उतारना होगा," उन्होंने कहा। अब चैट्स, कॉल रिकॉर्ड, सोशल मीडिया पोस्ट, साथ की तस्वीरें, और यहां तक कि एक-दूसरे को भेजे गए गिफ्ट्स के रसीद तक मांगे जा सकते हैं। कई वकील सलाह दे रहे हैं कि अगर आप अपने जीवनसाथी के साथ अमेरिका बसने की योजना बना रहे हैं तो पहले से लाइफ इंश्योरेंस में उनका नाम जुड़वाएं, जॉइंट बैंक अकाउंट खोलें और हर कानूनी दस्तावेज में उन्हें अपने जीवन का हिस्सा दिखाएं।
अगर आपका जीवनसाथी पहले से H-1B वीजा या किसी अन्य गैर-आप्रवासी वीजा पर अमेरिका में रह रहा है, तो भी ग्रीन कार्ड पाना आसान नहीं है। अब "एडजस्टमेंट ऑफ स्टेटस" की प्रक्रिया में USCIS (U.S. Citizenship and Immigration Services) के अफसर हर पेपर की गहराई से जांच करेंगे। ट्रंप प्रशासन के अधिकारी कह चुके हैं कि अब विवेक से काम नहीं होगा, बल्कि हर केस को "संभावित धोखाधड़ी" के नजरिए से देखा जाएगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक अब अमेरिकी दूतावास (Embassy) में बैठे अधिकारी भी पूरी तरह ट्रंप की नीति के मुताबिक काम करने वाले हैं। भारत में बैठे पार्टनर को वीजा इंटरव्यू में इतने बारीक सवालों के जवाब देने होंगे, जैसे वह FBI के सामने बैठा हो।
क्या इससे सही कपल्स भी प्रभावित होंगे?
जी हां। और यही डर सबसे बड़ा है। वकील अश्विन शर्मा कहते हैं कि कई सही मामलों में भी अफसरों को शक हो सकता है, और वे गलत फैसले ले सकते हैं। इससे कई लोगों की जिंदगी उलझ सकती है, और अमेरिका में सपनों की तलाश एक झूठे आरोप के चलते बर्बाद हो सकती है।
डोनाल्ड ट्रंप की यह नीति इमिग्रेशन सिस्टम में पारदर्शिता लाने के लिए हो सकती है, लेकिन इसका असर उन लोगों पर भी पड़ रहा है जो सच्चे दिल से एक-दूसरे से प्यार करते हैं और साथ में जीवन बिताना चाहते हैं। अब अमेरिका का सपना देखना आसान नहीं रहा। शादी के बाद वहां बसने की राह एक लंबी और मानसिक थकावट से भरी प्रक्रिया बन गई है। ट्रंप के "नए अमेरिका" में प्यार भी कागजों पर साबित करना होगा।