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US Presidential Election 2024: कमला हैरिस नहीं ट्रंप की जीत से भारत को होगा ज्यादा फायदा, जानें कैसे?

US Presidential Election 2024: अमेरिका में 2024 का राष्ट्रपति चुनाव विश्वभर के लिए एक अहम घटना है, जिसमें मुख्य मुकाबला पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय मूल की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के बीच है। इस बार चुनाव भारत के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि दोनों उम्मीदवारों की नीतियों से भारत के साथ अमेरिका के संबंधों में बदलाव आ सकते हैं।
US Presidential Election 2024: कमला हैरिस नहीं ट्रंप की जीत से भारत को होगा ज्यादा फायदा,  जानें कैसे?
US Presidential Election 2024: अमेरिका में 47वें राष्ट्रपति का चुनाव होने जा रहा है, और इस बार मुख्य मुकाबला पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उप राष्ट्रपति कमला हैरिस के बीच है। इस चुनाव पर न केवल अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया की नजरें टिकी हैं, खासकर भारत की। अमेरिका के नए राष्ट्रपति की नीतियों का असर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होता है, और ऐसे में भारत के साथ उसके संबंधों में भी बदलाव आ सकते हैं। आझ हम समझेंगे कि किसकी जीत से भारत को कैसे लाभ हो सकता है।
भारतीय मूल की पहली महिला उम्मीदवार: कमला हैरिस 
कमला हैरिस की भारतीय जड़ें उन्हें भारत के प्रति एक विशेष भावनात्मक जुड़ाव देती हैं। उनकी मां श्यामला गोपालन तमिलनाडु की रहने वाली थीं, और यह जुड़ाव ही भारत के लोगों के बीच कमला के प्रति एक खास उम्मीद जगा रहा है। हालांकि, उपराष्ट्रपति रहते हुए कमला हैरिस ने भारत के साथ संबंधों में सुधार की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए। इसके विपरीत, उनके कुछ बयान भारत के मुद्दों पर विवादास्पद साबित हुए, जैसे कि जम्मू-कश्मीर पर उनकी टिप्पणी। 2019 में आर्टिकल 370 को हटाए जाने पर हैरिस ने कश्मीरी लोगों के समर्थन में बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि “कश्मीरियों को याद रखना चाहिए कि वे अकेले नहीं हैं।” इस तरह की टिप्पणियां उनके भारत के प्रति नीति को संदेह में डालती हैं, जो भारत को विश्व स्तर पर कमज़ोर स्थिति में ला सकती हैं।

ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग की उम्मीद
कमला हैरिस नवीनीकरण ऊर्जा के उपयोग की पक्षधर हैं, जो कि भारत के लिए एक सकारात्मक पहलू हो सकता है। भारत ने भी पर्यावरण संरक्षण और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काफी प्रगति की है। इस दिशा में हैरिस भारत को अत्याधुनिक तकनीकी सहायता प्रदान कर सकती हैं, जो देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में सहायक होगी। हालांकि, उनके सहयोग की दिशा में ठोस कदम देखने को मिलेंगे या नहीं, यह कहना फिलहाल मुश्किल है।

इमिग्रेशन और वीजा नीति पर मदद
हैरिस के राष्ट्रपति बनने की स्थिति में इमिग्रेशन के मुद्दों पर भारत को कुछ सहूलियतें मिल सकती हैं, खासकर भारतीय आईटी पेशेवरों को। अमेरिकी डेमोक्रेटिक सरकारें अक्सर एच-1बी वीजा में ढील देने का समर्थन करती हैं, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स को अमेरिका में रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकते हैं। इसका सीधा असर भारतीय अर्थव्यवस्था और आईटी उद्योग पर पड़ेगा।

ट्रंप: चीन के प्रति सख्त और भारत के लिए लाभकारी

डोनाल्ड ट्रंप, अपने पिछले कार्यकाल में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ करीबी संबंध बना चुके हैं। वे भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को मजबूत बनाने के पक्षधर हैं। ट्रंप के आने से भारत को सबसे बड़ा लाभ चीन पर अमेरिकी सख्ती से मिल सकता है। ट्रंप पहले ही चीन पर विभिन्न तरह के प्रतिबंध लगाने की वकालत कर चुके हैं, जिससे भारतीय कंपनियों के लिए अवसर बढ़ सकते हैं। ट्रंप का राष्ट्रपति बनना भारत के हित में इसलिए भी हो सकता है क्योंकि वे चीन को 'मोस्ट फेवर्ड नेशन' का दर्जा समाप्त कर सकते हैं, जो भारतीय बाज़ार को अतिरिक्त लाभ पहुंचा सकता है।

भारत के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप का विरोध
विदेश मामलों के विशेषज्ञ मानते हैं कि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने पर भारत के आंतरिक मामलों में अमेरिकी हस्तक्षेप कम हो सकता है। वर्तमान बाइडेन प्रशासन ने कई मौकों पर भारत में मानवाधिकार और अल्पसंख्यकों के मुद्दों को लेकर टिप्पणी की है, जो कि भारत के लिए अनुकूल नहीं रहा। ट्रंप अपने 'अमेरिका फर्स्ट' एजेंडे के तहत अन्य देशों के आंतरिक मामलों में कम हस्तक्षेप करते हैं, जो कि भारत के हित में साबित हो सकता है।

रूस-यूक्रेन युद्ध पर ट्रंप का दृष्टिकोण
डोनाल्ड ट्रंप ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि वे राष्ट्रपति बनते हैं, तो वे रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त कर देंगे। भारत के लिए यह महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि रूस और यूक्रेन दोनों ही भारत के करीबी साझेदार देश हैं। युद्ध रुकने से भारतीय बाजारों में स्थिरता आएगी और तेल के दाम भी नियंत्रित रहेंगे।

आर्थिक मोर्चे पर असर
ट्रंप के आने पर ब्याज दरों में वृद्धि और अमेरिकी डॉलर की मजबूती की संभावना है, जिसका भारतीय मुद्रा और अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है। इसके विपरीत, कमला हैरिस के राष्ट्रपति बनने पर अमेरिकी बाजारों में स्थिरता बनी रहेगी और ब्याज दरें भी कम हो सकती हैं, जिससे भारत में निवेशकों को लाभ मिल सकता है।

इस बार के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में भारत के लिए दोनों ही उम्मीदवार फायदे और नुकसान लेकर आते हैं। जहां एक ओर कमला हैरिस की भारतीय जड़ें उन्हें भारत के प्रति स्नेहिल दृष्टिकोण रखने में मददगार साबित हो सकती हैं, वहीं डोनाल्ड ट्रंप की आक्रामक चीन नीति और भारत के आंतरिक मामलों में कम हस्तक्षेप की नीति भी भारत के हित में है। अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर जो भी व्यक्ति चुना जाएगा, उसकी नीतियां भारत-अमेरिका संबंधों पर गहरा प्रभाव डालेंगी। ऐसे में देखना होगा कि इस बार के चुनाव परिणाम भारत के भविष्य के लिए क्या लेकर आते हैं।
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