Ajit Doval क्यों नहीं गए Modi के साथ अमेरिका, तस्वीरें आईं सामने तो हुआ खुलासा !
भारत के जेम्स बॉन्ड और पीएम मोदी के सबसे ख़ास अजीत डोभाल नज़र नहीं आएँगे। अब ऐसा कैसे हो सकता है कि पीएम मोदी विदेश दौरे पर गए और अजीत डोभाल उनके साथ नहीं हैं। इसके पीछे क्या वजह क्या और ऐसा क्या है कि मोदी के साथ डोभाल अमेरिका नहीं गए। अब ये बात खूब चर्चा में भी है। डोभाल इन तस्वीरों में नज़र नहीं आए तो कई सवाल भी उठने लगे।
प्रधानमंत्री मोदी इस वक़्त अमेरिका के दौरे पर हैं। PM Modi ने राष्ट्रपति बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा न्यूयॉर्क में फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास, कुवैत के क्राउन प्रिंस शेख सबा खालिद अल-हमद अल-सबाह, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से भी मुलाकात की। कई तस्वीरें इस दौरान की सामने आ रहीं हैं। प्रधानमंत्री मोदी के साथ अमेरिका दौरे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री भी गए हैं। और वो बैठकों के दौरान पीएम मोदी के पीछे बैठे भी नज़र आ रहे हैं। एक तस्वीर ये भी है। इसे देखिए। इस तस्वीर में अगर हम बाएँ ये दाएँ की तरफ़ देखें तो भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलविन, विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, राष्ट्रपति जो बाइडन, पीएम मोदी, विदेश मंत्री जयशंकर, अमेरिका में भारत के राजदूत विनय क्वात्रा और विदेश सचिव विक्रम मिस्री नज़र आ रहे हैं। लेकिन क्या आपने इन सब तस्वीरों में एक चीज़ गौर की। कि इन सभी तस्वीरों में आपको भारत के जेम्स बॉन्ड और पीएम मोदी के सबसे ख़ास अजीत डोभाल नज़र नहीं आएँगे। अब ऐसा कैसे हो सकता है कि पीएम मोदी विदेश दौरे पर गए और अजीत डोभाल उनके साथ नहीं हैं। इसके पीछे क्या वजह क्या और ऐसा क्या है कि मोदी के साथ डोभाल अमेरिका नहीं गए। अब ये बात खूब चर्चा में भी है। डोभाल इन तस्वीरों में नज़र नहीं आए तो कई सवाल भी उठने लगे। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि अभी भारतीय डिप्लोमैसी में तीन अहम लोग हैं। एक ख़ुद पीएम मोदी, दूसरे विदेश मंत्री एस जयशंकर और तीसरे एनएसए अजित डोभाल।
अब अजीत डोभाल के अमेरिका ना जाने के कई कारण चर्चा में है। हाल ही में पीएम मोदी के अमेरिका जाने से ठीक पहले अजीत डोभाल और कई अधिकारियों के नाम अमेरिका की एक अदालत से समन आया था । जिसमें अजीत डोभाल और बाकि सभी अधिकारियों को 21 दिन में जवाब देने के लिए कहा गया था। जिसके बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने इस समन को ग़ैर ज़रूरी बताया था और कहा था इस मामले के संज्ञान में आने के बाद एक्शन लेते हुए एक कमेटी बनाई गई है।
अब ये समन क्यों आया था ये भी जानिए दरअसल, ये समन खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू को लेकर था जिसमें अमेरिका चाहता था कि पन्नू ने उसकी हत्या करवाने की साज़िश में भारत पर जो उँगलियाँ उठाई थी और इन अधिकारियों पर आरोप लगाए थे उसमें हो रही जाँच में भारत मदद करें। इस समन के बाद अमेरिका पर कई सवाल खड़े हुए।लेकिन अमेरिका की आलोचना और ज़्यादा तब होने लगी जब रिपोर्ट के मुताबिक पीएम मोदी के अमेरिका दौरे से पहले ही खालिस्तानी समर्थक व्हाइट हाउस में अमेरिकी अधिकारियों से मिलने पहुँचे थे।
ऐसे में सवाल ये भी उठा कि क्या इस समन के कारण ही अजित डोभाल अमेरिका नहीं गए हैं? अब एस बात को नकारा गया है। द हिंदू अख़बार के मुताबिक़ अधिकारियों ने डोभाल के अमेरिका ना जाने के पीछे समन होने की बात से साफ़ इनकार किया है। और जम्मू कश्मीर में हो रहे चुनाव और घरेलू मुद्दों को कारण बताया है। सवाल पूछा जा रहा है कि ऐसे वक़्त में जब पीएम मोदी का दौरा होना है, तब अमेरिकी कोर्ट का भारत को समन भेजे जाने के पीछे मंशा क्या हो सकती है? रिपोर्ट के मुताबिक़ ही ऐसे समन अतीत में भी भेजे जाते रहे हैं। ये समन पन्नू की याचिका में पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, कमलनाथ को भी भेजे गए थे।
वहीं अमेरिका के शीर्ष अधिकारियों से सिख अलगाववादियों के मिलने को लेकर भारत के विदेश मंत्रालय ने कोई टिप्पणी नहीं की है। कुछ वक़्त पहले अजित डोभाल रूस के दौरे पर गए थे। इस दौरान डोभाल ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाक़ात की थी। डोभाल ने इस मुलाक़ात में पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे की जानकारी पुतिन को दी थी। आमतौर पर ऐसा कम ही होता है कि किसी देश के एनएसए की सीधी मुलाक़ात दूसरे देश के राष्ट्र प्रमुख से हो। ऐसे में डोभाल और पुतिन की मुलाक़ात को ख़ास माना गया था।